शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी सुरेश देवी की शव को सांसद रामकृपाल यादव ने कंधा दिया।
शतमूर्ति के शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी सुरेश देवी उम्र 95 वर्ष की दानापुर के चित्रकूट नगर स्थित मायके में निधन हो गया. शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी की मृत्यु पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक जाहिर करते हुए राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार संस्कार की घोषणा की.
शहीद राजेंद्र सिंह मात्र 18 वर्ष की उम्र में भारत छोड़ो आंदोलन में आजादी की लड़ाई में कूद पड़े थे. पटना के अनिसाबाद में रहने वाले राजेंद्र सिंह की शादी के मात्र 5 दिन ही गुजरे थे कि अचानक देश में 1942 में गांधी ने भारत में भारत छोड़ो आंदोलन का ऐलान कर दिया था.
अपने देश को आजाद कराने और अंग्रेजों से लोहा लेने राजेंद्र प्रसाद सचिवालय पर तिरंगा फहराने अपने साथियों के साथ निकल पड़े थे. उस वक्त अंग्रेजों ने बिना चेतावनी दिए आजादी के मतवाले भारतीयों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी. इसमें राजेंद्र सिंह को गोली लगने से शहीद हो गए थे.
शादी के महज 5 दिन के बाद से सुरेश देवी (Suresh Devi) विधवा की जिंदगी जी रही थी. महज 14 वर्ष की उम्र में विधवा हुए सुरेश देवी ने 80 वर्षों तक अपनी पति की यादें संजोए रखा और आज तक वह शहीद राजेंद्र प्रसाद की विधवा बनके ही रही है.
वहीं, मौत की खबर सुनते ही पाटलिपुत्र सासंद रामकृपाल यादव सुरेश देवी के घर जाकर श्रधा के फूल अर्पित किए. बाद में दीघा घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के मौके पर सांसद रामकृपाल यादव मौजूद रहे और शव को कंधा दिये ।