आप भी तो नहीं करते एक ही मास्क का एक से ज़्यादा बार इस्तेमाल?
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया भर में किसी जंगल में लगी आग की तरह फैल रहा है। भारत में इसके मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। स्टडी में पाया गया कि कोविड का यह नया रूप उन लोगों को सभी संक्रमित कर रहा है जिन्हें दोनों वैक्सीन लग चुकी हैं।
हालांक, अभी तक मामलों में यह साफ है कि ओमिक्रॉन गंभीर संक्रमण का कारण नहीं बन रहा है। इसके लक्षण काफी हल्के देखे जा रहे हैं। ऐसे में इससे बचाव के लिए कोविड से संबंधित सावधानियों का पालन करना ही एक मात्र उपाय रह गया है। खासतौर पर इस दौरान मास्क पहनना बचाव का सबसे बेस्ट तरीका है। एक अच्छी क्वालिटी का मास्क न सिर्फ आपको संक्रमण से बचाएगा बल्कि इंफेक्शन के आसार को 70 प्रतिशत तक कम कर देगा और इससे जुड़े कीटाणुओं को फैलने से रोकेगा।
ज़्यादातर लोग सर्जिकल मास्क पहने दिखते हैं, क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध होते हैं और महंगे भी नहीं होते। वहीं, कई लोग कपड़े के मास्क भी पहनते हैं। यह आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से भी वे एक बेहतर विकल्प साबित होते हैं। हालांकि, जब वायरस तेज़ी से और आसानी से संक्रमित कर रहा हो, तो ऐसे में बचाव के लिए N95 मास्क ही काम आएंगे। आप डबल मास्क पहनें तो और भी बेहतर है।
पिछले साल हुई एक रिसर्च में पाया है कि एक मास्क को ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल करना ख़तरे से खाली नहीं होता। यहां तक कि एक ही मास्क को बार-बार पहनना महामारी के दौरान मास्क न इस्तेमाल करने से भी ज़्यादा ख़तरनाक हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, मास्क को कई बार इस्तेमाल करने से उसका असल आकार बदल जाता है। यहां तक कि समय के साथ जिस कपड़े से उसे बनाया जाता है वह भी ख़राब हो जाता है या उसका असर ख़त्म हो जाता है।