पटना के डाकबंगला चौराहा पर दिखेगा इंडोनेशिया का प्रम्बनन मंदिर...
दुर्गा पूजा भारत का एक धार्मिक त्योहार है ,जो हिन्दू धर्म के लोंगों द्वारा बहुत खुशी के साथ देश भर में मनाया जाता है, दुर्गा पूजा पूरे नौ दिन तक चलती है,
दुर्गोत्सव की तैयारी अंतिम चरण पर हैं,पंडाल और प्रतिमाओं को फाइनल टच देने में कलाकार जुटे हैं. मां के भक्ति गीतों से राजधानी का माहौल भक्तिमय हो गया है. चारों ओर पंडाल में मां दुर्गा से संबंधित गीत से गूंज रहे हैं.
जैसे-जैसे युग बदल रहा है, वैसे-वैसे त्योहारों का स्वरूप भी बदलता जा रहा है। पटना के डाकबंगला चौराहे पर बनने वाला पूजा पंडाल इस बार इंडोनेशिया के प्रंबानन मंदिर के तर्ज पर बनया जा रहा है, पंडाल की ऊंचाई लगभग 90 फुट व चौड़ाई 55 फुट है. पूजा के दौरान इस भव्य पंडाल की खूबसूरती काफी मनमोहक होगी, पंडाल को बस फाइनल टच दिया जा रहा है. पूरे पंडाल को स्टोन, शीशा और शिप से बनाया जा रहा है.,
यहां के पूजा समिति की मानें तो अभी तक पटना में स्टोन का पंडाल नहीं बना था. इस बार लोगों को ये पंडाल काफी आकर्षित करने वाला है.
पंडाल को बनाने के लिए पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर से कारीगर बुलाए गए हैं, चार महीना से पंडाल बनाने का काम चल रहा है. कुल 18 लोग मिलकर इस पंडाल को बना रहे हैं. डाक बंगला चौराहा दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष संजीव कुमार टोनी ने बताया कि हर साल हम लोग अलग करते हैं. इस बार भी डाक बंगला चौराहा का पंडाल काफी आकर्षक और सबसे अलग होगा.लाइटिंग से दिखेगा दुबई का बुर्ज खलीफा ,
पंडाल के आसपास लगभग 500 मीटर तक लाइटिंग से सजावट की जाएगी. सजावट का काम कोलकाता के चंदन नगर के कारीगर कर रहे हैं. लाइटिंग से दुबई का बुर्ज खलीफा भी दिखेगा. बताया गया कि मूर्ति और पूजा पंडाल बनाने वाले कारीगर काफी पुराने हैं. यहां की मूर्ति चार जगह की नदियों के पानी से बनाई जाती है. गंगा नदी (पटना), गंगा नदी (वाराणसी), हुगली नदी (कोलकाता) और गंगा नदी (हरिद्वार ऋषिकेश).
इस बार यहां 17 फीट की लंबी मूर्ति बनाई जा रही है. पंडाल बनाने का खर्च लगभग 20 लाख रुपया है. कारीगर को 18 लाख रुपये दिए गए हैं. इसके अलावा लगभग दो लाख अतिरिक्त खर्च होते हैं. लाइटिंग सजावट में सात लाख खर्च किए जा रहे हैं. वहीं मूर्ति की बात करें तो इसे तैयार करने में साढ़े चार से पांच लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं.,
उर्वशी गुप्ता