वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया कैंसर का इलाज , वैज्ञानिकों के लिए आज भी चुनौती लकिन आखिरकार ढूंढ लिया रामबाण इलाज।...
वैज्ञानिकों ने ढूंढ लिया कैंसर का इलाज ,
वैज्ञानिकों के लिए आज भी चुनौती लकिन आखिरकार ढूंढ लिया
रामबाण इलाज।।।
वैज्ञानिकों ने अधिकांश बीमारियों का इलाज ढूंढ लिया है लेकिन कैंसर ऐसी बीमारी है जिसका फुलप्रूव इलाज अभी तक संभव नहीं हुआ है. वैज्ञानिक कैंसर का इलाज तलाशने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं.कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के होश ठिकाने लग जाते हैं इसी दिशा में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है.
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार की कैंसर थेरेपी की खोज की है. इसमें सामान्य वायरस से एक प्रकार की दवा बनाई जाती है और प्रभावित जगहों पर इंजेक्ट कर दिया जाता है. कुछ लोगों पर ट्रायल के दौरान इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए हैं. इस थेरेपी से कैंसर का एक मरीज पूरी तरह से ठीक हो गया जबकि दूसरे व्यक्ति का ट्यूमर भी कम हो गया
वैज्ञानिकों ने इस दवा को मुंह के छाले के लिए जिम्मेदार कोल्ड सोर वायरस का इस्तेमाल कर बनाया है. दरअसल, यह दवा कोल्ड सोर वायरस या हर्प्स सिंपलेक्स का हल्का वर्जन है जिसमें ट्यूमर या कैंसर सेल को मारने के लिहाज से परिष्कृत किया गया है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन कैंसर के एडवांस स्टेज वाले मरीजों को नया जीवन दे सकता है
हालांकि अभी इसमें और अधिक अध्ययन करने की जरूरत है. ट्रायल में हिस्सा लेने वाले 39 वर्षीय क्रिजस्टोफ वोजकोव्स्की का कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया है. 2017 से वह इलाज कराके थक चुके थे लेकिन उनका कैंसर ठीक नहीं हो रहा था. वोजकोव्स्की बॉडी बिल्डर है. उन्होंने रॉयल मार्सडेन एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट के इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च में हुए ट्रायल में हिस्सा लिया था.
उर्वशी गुप्ता