बिहार में खुल सकता है फूड प्रोसेसिंग इंस्टीट्यूट, पशुपति पारस ने शाहनवाज हुसैन से मांगी जमीन

बिहार में खुल सकता है फूड प्रोसेसिंग इंस्टीट्यूट, पशुपति पारस ने शाहनवाज हुसैन से मांगी जमीन

बिहार में खुल सकता है फूड प्रोसेसिंग इंस्टीट्यूट, पशुपति पारस ने शाहनवाज हुसैन से मांगी जमीन

बिहार में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को तेजी से आगे बढ़ाने और एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स तैयार करने को लेकर दिल्ली में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस और बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के बीच बैठक हुई. इस बैठक में प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत बिहार में एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की स्थापना के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत के साथ यह भी तय हुआ कि जल्द ही पटना में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय और उद्योग विभाग, बिहार सरकार के बीच उच्च स्तरीय बैठक होगी, साथ ही पटना में इस सेक्टर के बड़े उद्योगपतियों की मौजूदगी में एक फूड प्रोसेसिंग कॉन्क्लेव भी किया जाएगा.

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार पारस ने उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन के सामने बिहार में फूड प्रोसेसिंग संस्थान National Institute of Food Technology Entrepreneurship and Management खोलने की बात कही. साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए उद्योग विभाग जमीन उपलब्ध कराए, जिसको लेकर बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में NIFTEM की स्थापना के लिए जो भी जरूरी होगा, वो किया जाएगा. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मानते हैं कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के तहत केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स योजना से बिहार के किसानों को बहुत लाभ हो सकता है. साथ ही फूड प्रोसेसिंग इकाइयों की स्थापना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स की स्थापना के लिए 10 एकड़ जमीन की जरूरत होगी और यहां 25 करोड़ या इससे ऊपर की लागत की कम से कम पांच खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य होगा. योजना के मुताबिक हर एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर में राज्य और केंद्र मिलकर जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे सड़क, पानी, बिजली, ड्रेनेज, वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, टेट्रा पैक, सोर्टिंग, ग्रेडिंग जैसी तमाम सुविधाएं मुहैया कराएंगे। बता दे की बिहार में इंडस्ट्रीज लगाने को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है, हाल के दिनों में टेक्सटाइल और अन्य उद्योगों में सरकार ने कई कार्यक्रम भी किये है, जिसे देख कर लगता है आनेवाले दिनों में बिहार में भी रोज़गार के कई विकल्प हो जायेंगे।