गया में एक परिवार के लोग पुश्त दर पुश्त ताजिया बनाने का कर रहे काम,  बिहार से लेकर झारखंड तक से आते हैं ऑर्डर

गया में एक परिवार के लोग पुश्त दर पुश्त ताजिया बनाने का कर रहे काम,  बिहार से लेकर झारखंड तक से आते हैं ऑर्डर

गया में एक परिवार के लोग पुश्त दर पुश्त ताजिया बनाने का कर रहे काम,  बिहार से लेकर झारखंड तक से आते हैं ऑर्डर

बिहार के गया में एक परिवार पुश्त दर पुश्त ताजिया बनाने का कार्य कर रहा है. बिहार में गिने-चुने लोग ही ताजिया बनाने का काम करते हैं. गया में आज भी एक परिवार ऐसा है, जो कि ताजिया बनाने का काम करता है. इस परिवार के मोहम्मद आजाद, मोहम्मद राजू, ताजिया को अंतिम रूप दे रहे हैं. यह पांचवी पीढ़ी का परिवार है, जो इस पुश्तैनी काम में लगा हुआ है. इस परिवार के सात भाइयों व उनके नजदीकी रिश्तेदारों के अलावा और कोई ताजिया नहीं बनाते हैं.

गया के सराय रोड मोहल्ले में मोहम्मद आजाद, मोहम्मद राजू ताजिया बनाने में जुटे हुए हैं. बताते हैं कि सिर्फ इसी के परिवार के लोगों के द्वारा ताजिया बनाया जाता है, जो पुुश्तों से चला आ रहा है. मोहम्मद आजाद ने कहते है की आज भी हम लोग पांचवी पीढ़ी के लोग हैं, जो ताजिया बनाने का काम कर रहे हैं. गया में हमारे परिवार के अलावा और कोई भी ताजिया नहीं बनाता है. हमारे ताजिया को खरीदने के लिए काफी दूर से लोग आते हैं. बिहार के कई जिलों के अलावे झारखंड से भी लोग आकर यहां से ताजिया लेकर जाते हैं.मोहर्रम का ताजिया जुलूस निकाले जाने की तारीख करीब आ गई है, तो ऐसे में ताजिया बनाने में जुटे इस परिवार के लोग उसे अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. भव्य ताजिया भी बनाया जा रहा है. अलग-अलग लुक भी दिए गए हैं. बताते हैं कि बकरीद के बाद ही ताजिया बनाने के काम में हाथ लगा देते हैं. मोहर्रम का ताजिया बनाना हमारा पुुश्तों का काम है. हालांकि यह बताते हैं कि अब महंगाई बढ़ने के बावजूद कीमत उतनी नहीं मिल पाती है. इसी कारण उनकी आर्थिक स्थिति पर असर होता है. फिर भी पुरखों के ताजिया बनाने के काम को वह छोड़ नहीं सकते हैं. घर परिवार लगातार कई पुशतों से यह काम करते आ रहे हैं.