बिहार में जहरीली शराब से 40 की मौत के बाद 568 गिरफ्तार
बिहार के गोपालगंज, बेतिया और समस्तीपुर में जहरीली शराब के कहर बरपाने और 40 मौतों के बाद पुलिस लगातार एक्शन मोड में है। इधर, सीएम नीतीश कुमार ने 16 नवम्बर को शराबबंदी की सख्ती पर समीक्षा बैठक बुलाकर अधिकारियों की टेंशन और बढ़ा दी है। नतीजतन बिहार पुलिस शराब कारोबारियों को ढूंढ-ढूंढ कर गिरफ्तार कर रही है। शराब की अवैध भट्ठियां तोड़ी जा रही हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक से पहले अधिकारियों के पास बताने के लिए ठीक-ठाक कार्रवाईयों का ब्योरा उपलब्ध हो। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह एक-एक जिले की समीक्षा करेंगे। पिछले 24 घंटे में राज्य के अलग- अलग जिलों में विशेष अभियान चलाकर देसी शराब की 19 भट्ठियों को ध्वस्त किया गया। जहरीली शराब से मौत वाले जिलों मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, बेतिया और समस्तीपुर में सबसे अधिक कार्रवाई हुई है। इन चार जिलों में ही 19 हजार लीटर से अधिक देसी-विदेशी शराब बरामद की गई है। पुलिस टीम ने 749 छापेमारी की, जिसमें 568 लोगों को गिरफ्तार किया गया । इस दौरान 15,246 लीटर विदेशी शराब, 3435 लीटर देसी शराब, 497 लीटर महुआ चुलाई शराब और 500 लीटर स्प्रिट बरामद किया गया है। पुलिस ने 347 मामले दर्ज किए हैं।शराब तस्करी में लगे 71 वाहनों को पकड़ा गया है। इस दौरान आठ लाख से अधिक की नकद राशि भी जब्त की गई। पुलिस की कार्रवाई में सबसे अधिक करीब 16 हजार लीटर शराब मुजफ्फरपुर जिले से पकड़ी गई है।पुलिस ने बीते कुछ दिनों में यहां 166 ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें 254 लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं सबसे अधिक छापेमारी गोपालगंज जिले में हुई है। यहां 376 छापेमारी में 164 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 1700 लीटर से अधिक शराब जब्त की गई। बेतिया में 177 छापेमारी में करीब 850 लीटर और समस्तीपुर में 32 छापेमारी में 410 लीटर देसी शराब और 465 लीटर स्प्रिट बरामद हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि शराबबंदी में खलल डालने वालों को बख्शेंगे नहीं। चाहे वह धंधेबाज हों या फिर अफसर या कर्मचारी। हमने मुख्य सचिव और डीजीपी को एक-एक चीज पर नजर रखने का निर्देश दिया है। किस स्तर पर कौन लापरवाही कर रहा है, यह देखें और कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 16 नवंबर की समीक्षा बैठक में एक-एक जिले की स्थिति को देखेंगे। सख्त कार्रवाई के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी राज्य में चलेगा। लोगों को फिर बताया जाएगा कि आखिर क्यों वे शराब का सेवन करते हैं, यह बहुत ही खराब चीज है।
मुख्यमंत्री सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री ने विपक्ष से शराबबंदी को और प्रभावी बनाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इसका फैसला सर्वसम्मति से हुआ था। यह कोई मेरा निजी चीज नहीं है। यह सार्वजनिक चीज है। सबके हित की चीज है। पर, आज हमारी जिम्मेदारी है तो जरूर हमलोग कार्रवाई करेंगे और कर भी रहे हैं। सबसे आग्रह है कि जहां कहीं भी शराब के धंधे की जानकारी हो तो वे तुरंत सूचना दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलो में निरंतर कार्रवाई हो रही है और शराब पकड़ी जा रही है। पर, जिन जिलों को पार करके दूसरे जिले में यह पहुंच रही है, यह भी देखा जाएगा। आखिर दो या चार जिलों को यह पार कैसे कर गई? ऐसे मामलों पर भी कार्रवाई होगी कि समय रहते जिला ने एक्शन क्यों नहीं लिया।मुख्यमंत्री ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का नाम लिये बगैर उनको निशाने पर लिया। कहा कि दुख होता है, लोग तरह-तरह का बयान देते हैं। केवल बयान क्यों देते हैं, वे शराब के धंधेबाजों को पकड़वाते क्यों नहीं हैं? अगर आपको लगता है कि कहीं कोई गड़बड़ कर रहा है तो सूचना दीजिए। अखबार में कुछ लोग बयान दे देता है कि हमने लिख दिया है मुख्यमंत्री को। अरे क्या लिख दिया है? मुख्यमंत्री क्या बनाये हुए थे आपको? इतना सबकुछ के बाद भी कुछ ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई तो यह अपनी समझ होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबलोग एकजुट होकर खड़ा होकर संकल्प लिये थे। इसको भूलना नहीं चाहिए। वो पावर में थे और जो पावर में नहीं थे, वो भी दोनों सदनों में शराबबंदी में साथ दिये। बाद में हमारी दोस्ती फिर हो गई और एनडीए सत्ता में आ गया। जो साथ में हैं वो पूरी मुस्तैदी से लगे हुए हैं। पर, जो पहले साथ में थे वो सिर्फ बयान देने में क्यों लगे हैं? शराब की भट्ठी नष्ट करने पहुंची श्रीनगर पुलिस पर रविवार को मखनाहा गांव में 50 से अधिक महिलाएं व पुरुषों ने लाठी, डंडे व पत्थर से हमला कर दिया। भीड़ में फंसे थानाध्यक्ष संतोष कुमार झा के सिर पर लाठी लगने से वह घायल हो गये। उनका इलाज श्रीनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है। पुलिस ने इस मामले में दो अलग-अलग मामले दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।