गंगा नदी में अनगीनत शवों के सड़न और दुर्गंध से क्षेत्र में लोग महसूस कर रहे हैं महामारी का खतरा ||
देश कोरोना संक्रमण काल से गुजर रहा है और संक्रमण को रोकने के लिए हमारा देश युद्ध स्तर पर लगा हुआ है फिर भी इसके उपरांत श्मशान घाटो पर लाशो का काफिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है केवल बक्सर ही नहीं देश के विभिन्न श्मसानो पर जलने के लिए शव अपनी पारी का इंतजार कर रहे हैं।
तो बात करें बक्सर की तो यहां का हाल उससे भी बुरा है बताते चले की बक्सर मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर चौसा प्रखंड के महादेव घाट स्थित गंगा नदी में विभिन्न कारणों से मरे हुए व्यक्तियों के शवो को लोगों ने एक ही जगह विसर्जन कर दिया है स्थानीय लोगों के अनुसार शवो कि संख्या लगभग 150 बताई जा रही है, लोगों का यही कहना है कि एक ही जगह पर इतना भारी संख्या में शवों को एक साथ पानी में रहने से सारे शव बिल्कुल सड़ चुकी है और सड़न और दुर्गंध कई गांवों के कोने-कोने तक पहुंच रही है आलम या है कि एक तरफ कोरोना संक्रमण का दहशत तो दूसरी तरफ शवों के संड़ाध और दुर्गंध से फैलने वाले महामारी का खतरा, इस पूरे मामले को देखते हुए स्थानीय पवनी गांव निवासी अनिल कुमार कुशवाहा जब इसकी शिकायत चौसा प्रखंड के c.o से किए तो उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिये तथा स्थानीय कर्मचारी को साफ सफाई के नाम पर ₹500 देने का आश्वासन दिये , इस आश्वासन के चलते हे स्थानीय लोगों में अभी भी गुस्सा व्याप्त है।