केशुभाई पटेल को मिला पद्म भूषण, उनके इस्तीफे पर सीएम बने थे नरेंद्र मोदी
गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री रहे केशुभाई पटेल को मरणोपरांत पद्म भूषण सम्मान प्रदान किया गया है। तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान हासिल करने वाले केशुभाई पटेल को पीएम नरेंद्र मोदी अपना राजनीतिक गुरु कहते रहे हैं। भले ही 2001 में भुज में आए भूकंप के बाद केशुभाई पटेल को पद से हटना पड़ा था और उनकी जगह पर नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बनाए गए थे, लेकिन सार्वजनिक तौर पर दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते रहे। माना जा रहा है कि केशुभाई पटेल को पद्म भूषण सम्मान दिए जाने से भाजपा राज्य में पटेल मतदाताओं के बीच एक संदेश देने में कामयाब होगी, जहां अगले साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं।पीएम नरेंद्र मोदी भले ही एक दौर में केशुभाई पटेल की छाया में गुजरात में आगे बढ़े थे, लेकिन दोनों के रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे थे। यहां तक कि कहा जाता है कि केशुभाई पटेल ने ही 1998 में दोबारा सीएम बनने के बाद केंद्रीय नेतृत्व से कहकर नरेंद्र मोदी को दिल्ली भिजवा दिया था और वह नहीं चाहते थे कि गुजरात आकर मोदी नेताओं से मुलाकात करें। हालांकि 2001 में हालात एकदम से बदले, जब भुज में आए भूकंप के बाद स्थिति को न संभाल पाने के आरोप केशुभाई पटेल पर लगे और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दिल्ली से नरेंद्र मोदी सीधे अहमदाबाद आए और सीएम बनाए गए।सके बाद से दोनों नेताओं के बीच संबंध और बिगड़ गए, लेकिन नरेंद्र मोदी उनसे अकसर सौहार्द से ही मिलते दिखे। जनसंघ और भाजपा के संस्थापक सदस्य रहे केशुभाई पटेल आपातकाल के दौर में नेता बनकर उभरे थे और 1979 में जनता सरकार में मंत्री बने थे। 1980 का दशक केशुभाई पटेल के उभार का था, लेकिन वह 1990 के दशक में सीएम बने। पहली बार वह 1995 में सीएम बने थे, लेकिन 7 महीने बाद ही शंकर सिंह वाघेला ने उनके खिलाफ बगावत कर दी। फिर 1998 में मौका मिला, लेकिन भुज में आए भूकंप के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया। इस घटना में 12,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।