मदद के नाम पर चीनी कर्ज के जाल में फंसते जा रहे गरीब देश
मदद के नाम पर कर्ज के जाल में फंसाने की चीन की चाल की परतें अब उधड़ने लगी हैं। हाल में खबरें आई हैं कि कर्ज नहीं चुका पाने के कारण चीन अफ्रीकी देश युगांडा के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को अपने कब्जे में लेने की तैयारी कर रहा है। यह सहयोग के नाम पर अधिनायकवाद की ओर चीन के बढ़ते कदमों का प्रमाण है। यह पहला मामला नहीं है। विकास के नाम पर कर्ज देकर गरीब देशों को अपने जाल में फंसाने की चीन की कोशिश पहले भी दिखती रही है। श्रीलंका के पूर्व आर्मी कमांडर सरत फोंसेका ने अपनी सरकार को चेताते हुए कहा है कि जिस जाल ने युगांडा को तबाह किया है, श्रीलंका भी चीन के उसी जाल में फंस गया है।ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी एमआइ6 के प्रमुख रिचर्ड मूर ने हाल ही में बीबीसी रेडियो से बात करते हुए चीन की चालबाजी को लेकर दुनिया को चेताया है। उन्होंने कहा कि चीन के पास पूरी दुनिया से डाटा चुराने की क्षमता है। साथ ही वह लोगों को फंसाने के लिए पैसे का इस्तेमाल करता है। उन्होंने इसे डेट ट्रैप एंड डाटा ट्रैप (कर्ज और डाटा का जाल) की संज्ञा दी है।