अगर आपका बच्चा भी स्मार्टफोन चलाता है तो हो जाए सावधान !

अगर आपका बच्चा भी स्मार्टफोन चलाता है तो हो जाए सावधान !

अगर आपका बच्चा भी मोबाइल चलाता है, तो ये खबर आपके लिए बहुत ज़रूरी है, बता दे की आज कल बच्चो में स्मार्ट फोन को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है ,वही स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने से बच्चों के कच्चे स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है


शरीर पर स्मार्टफोन का नकारात्मक प्रभाव

बच्चों की फिजिकल हेल्थ पर मोबाइल का असर व्यापक पैमाने पर देखने को मिल रहा है. बच्चे अपना अधिकतर समय स्मार्टफोन पर गेम खेलने में बिताते हैं. जिसके कारण उनकी फिजिकल एक्टिविटी ना के बराबर हो चुकी है. इस मुख्य कारण से बच्चों में ये निम्नलिखित शारीरिक समस्याएं देखने को मिल रही हैं.

बच्चों में वजन बढ़ना यानी मोटापे की समस्या
बच्चों की नजर कमजोर होना
बच्चों में आलस का बढ़ना
स्टेमिना में कमी


मेंटल हेल्थ पर स्मार्टफोन का नेगेटिव असर

फिजिकल हेल्थ के साथ स्मार्टफोन बच्चों को मानसिक रूप से भी बीमार कर रहा है. स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल करने के कारण बच्चों का बिहेवियर काफी तेजी से बदल रहा है. जिसके परिणाम हिंसक भी आ रहे हैं.मोबाइल चलाने के कारण पेरेंट्स को बच्चों के स्वभाव में ये परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं.

बच्चों में चिढ़चिढ़ेपन की शिकायत सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है.
बच्चों में गुस्सैल प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है
बच्चों में सहनशक्ति की कमी भी देखी जा रही है
पढ़ाई को लेकर बच्चों में रूचि कम देखने को मिल रही है

बच्चों को स्मार्टफोन के साइड इफेक्ट से कैसे बचाएं?

मोबाइल के हेल्थ पर बढ़ते नकारात्मक प्रभाव को माता-पिता बच्चों पर लगातार निगरानी रखकर दूर कर सकते हैं. माता-पिता को शुरूआत में थोड़ी मेहनत ज्यादा करनी पड़ेगी. लेकिन धीरे-धीरे बच्चों को जब आदत पड़ जाएगी तो माता-पिता भी टेंशन फ्री रह सकते हैं. पेरेंट्स इन तरीकों से बच्चों को मोबाइल के नकारात्मक असर से बचा सकते 

बच्चे को मोबाइल का लगातार प्रयोग करने से रोकना. आप बच्चों के लिए मोबाइल चलाने का समय निर्धारित कर सकते हैं.
बच्चों के मोबाइल में किसी प्रकार के हिंसक मोबाइल गेम को डिलीट करना. इससे बच्चे के मानसिक हालात में सुधार होगा.
बच्चों को आउटडोर एक्टिविटी या खेल के लिए प्रोत्साहित करना. इससे बच्चे का वजन भी कंट्रोल में रहेगा और मानसिक स्वास्थ्य में भी बेहतरी आएगी.
बच्चों को दोस्तों के साथ एक्टिविटी के लिए प्रोत्साहित करना. इससे उसे अकेलेपन से छुटकारा मिलेगा.