अब जनता सीधे चुनेगी मेयर,डिप्टी मेयर, जाने क्या क्या बदलाव ...
शहर वासियों के लिए एक नई खुशखबरी है। शहर के लोग अब केवल वार्ड पार्षद का चुनाव ही नहीं करेंगे, बल्कि मेयर और डिप्टी मेयर भी वो खुद चुनेंगे। साथ ही मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षदों का चुनाव भी सीधे जनता करेगी। अब तक निकाय के वार्ड प्रतिनिधि
नगर निकायों के इन सर्वोच्च पदों के लिए प्रतिनिधि चुनते थे। प्रदेश के सभी 19 नगर निगमों के महापौर उपमहापौर और 79 परिषदों और 155 नगर पंचायतों के अध्यक्ष उपाध्यक्ष के निर्वाचन के लिए इस प्रणाली को लागू किया गया है।कल देर शाम राज्य सरकार ने बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 की अधिसूचना जारी की। इस नई प्रणाली के लागू होने से शहरों की जनता को अब सीधे मेयर और डिप्टी मेयर चुनने का अधिकार मिल गया है। अब तक इन पदों के लिए वार्ड पार्षदों के बीच से ही चुनाव होता था, साथ ही वार्ड पार्षदों के बहुमत से ही उन्हें हटाए जाने की व्यवस्था थी। इस व्यवस्था के कारण कई बार नगर निकायों मैं उठापटक और अव्यवस्था की स्थिति बन जाती थी, लेकिन अब इन पदों पर बैठे व्यक्ति जनता के जरिए चुनकर आएंगे इसीलिए इनको हटाना या इनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करना आसान नहीं होगा। इन पदों पर बैठे व्यक्ति की मृत्यु, पद त्याग या बर्खास्तगी की स्थिति में बची हुई अवधि में फिर से पहले की तरह की जनता इन्हें निर्वाचित करेगी। सशक्त स्थाई समिति में कोई भी पद खाली होने पर महापौर या अध्यक्ष बची हुई अवधि के लिए वार्ड पार्षदों में से किसी एक व्यक्ति को नामित करेगा। बर्खास्तगी की प्रक्रिया तब होगी जब महापौर उपमहापौर या अध्यक्ष उपाध्यक्ष सरकार को त्याग पत्र दे दें, और 7 दिनों के भीतर त्यागपत्र वापस नहीं लेने पर पद खाली माना जाएगा। इसके अलावा लगातार तीन बैठकों में अनुपस्थित रहने, कर्तव्य की उपेक्षा करने, निभाने में अक्षम हो जाने या 6 महीने से अधिक समय तक फरार रहने पर सरकार उन्हें पद से हटा सकती है। पद से हटाया गया व्यक्ति बाकी बची अवधि के लिए फिर से निर्वाचन का पात्र नहीं होगा। अब वार्ड पार्षद, महापौर, उपमहापौर या अध्यक्ष उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उन्हें बहुमत के आधार पर पद से नहीं हटा सकेंगे। राज्य सरकार विधानसभा के अगले सत्र में बिहार नगर पालिका संशोधन अध्यादेश 2022 को बिहार नगर पालिका संशोधन विधेयक के रूप में पेश करेगी जो पारित होने के बाद बिहार नगर पालिका अधिनियम संशोधन अधिनियम 2022 हो जाएगा। गौरतलब है अप्रैल से जून के बीच प्रदेश के सभी 263 नगर निकायों के चुनाव प्रस्तावित हैं। इसकी प्रक्रिया फरवरी से शुरू हो जाएगी। बदली हुई प्रणाली के मुताबिक निर्वाचन नियमावली में भी बदलाव लाना होगा तभी राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया को पूरा कर पाएगा। प्रदेश में पटना मुजफ्फरपुर भागलपुर गया बिहार शरीफ आरा छपरा पूर्णिया सहरसा कटिहार मुंगेर समस्तीपुर दरभंगा सीतामढ़ी बेतिया और सीवान नगर निगम में शामिल है बाकी शहरों में नगर परिषद, नगर पंचायत है।