आम बजट में बिहार को क्या मिला, जानिये...
आम बजट में बिहार के लिए भी बहुत कुछ है पर कुछ योजनाएं ऐसी हैं जो पहले से ही बिहार में चल रही हैं, या पूरी हो चुकी हैं। हलांकि रेल से लेकर सड़क तक, खेती से लेकर मकान तक, कई सुविधाएं हैं जिनके लिए आम बजट में प्रावधान किया गया है और बिहार को भी उसका लाभ मिलेगा।
संसद के पटल पर पेश हुए वर्ष 2022-23 के आम बजट में बिहार के लिए भी बहुत कुछ है। हालांकि कुछ घोषणाएं ऐसी हैं जो बिहार में पहले से ही चल रही हैं या पूर्ण हो चुकी हैं। बजट में देश के टू-टियर और थ्री-टियर शहरों के विकास की योजना है, क्योंकि बिहार के ज्यादातर शहर इसी श्रेणी के हैं, इसीलिए यह उम्मीद है कि केंद्रीय बजट की राशि से बिहार के शहरों का भी विकास होगा।
राज्य में फल सब्जी उत्पादकों को भी पैकेज मिलने के आसार हैं। वहीं तिलहन का उत्पादन बढ़ने से किसानों को भी बड़ा बाजार मिलने की संभावना है।
रेल बजट में इस बार पटना को दो बंदे भारत ट्रेन की सौगात मिली है। ये दोनों ट्रेनें पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर टर्मिनल से शुरू होंगी। रेल सूत्रों के अनुसार ट्रेनों का ट्रायल अप्रैल महीने से शुरू होगा और अगस्त-सितंबर महीने से परिचालन शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा पटना, राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र दानापुर, सोनपुर, हाजीपुर समेत 18 स्टेशनों का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इनमें से कुछ मुख्य स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधा के अनुसार विकसित किया जाएगा। पूर्व मध्य रेलवे की करीब 45 योजनाओं के लिए राशि मिलेगी। बिहार डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के विस्तार के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है। मोकामा में राजेंद्र सेतु के समानांतर रेल-सह-सड़क ब्रिज के लिए भी राशि का आवंटन किया जाएगा। मेट्रो रेल के लिए बजट में 19,130 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इससे पटना मेट्रो को भी और राशि मिलने की उम्मीद है।
आपको बता दें बिहार में 59,940 किलोमीटर एनएच विकसित किए जाएंगे। साथ ही पीएम आवास योजना से 14 लाख घर भी बिहार में बनेंगे। पाटलिपुत्र कोचिंग कंपलेक्स के अधूरे निर्माण और पाटलिपुत्र जंक्शन की पश्चिम साइड से कनेक्टिविटी के लिए भी इस बजट से राशि मिलने की उम्मीद है। नेउरा दनियावां नई लाइन लाइन परियोजना और 291 किलोमीटर के सोननगर पतरातू तीसरी लाइन को पूरा करने और सहरसा-फारबिसगंज, झंझारपुर-निर्मली आमान परिवर्तन के लिए भी राशि का आवंटन किया जाएगा।
वहीं बजट में गंगा के किनारे 5 किलोमीटर चौड़ा जैविक कारिडोर विकसित करने की बात कही गई है। इस पर बिहार में 2019 से ही काम शुरू हो चुका है। 12 जिलों में 17 हजार एकड़ भूमि पर जैविक खेती जारी है।
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत राज्य का कंट्रीब्यूशन बढ़ाकर 14% करने की घोषणा की गई है। इसका लाभ बिहार के 1 लाख 94 हजार कर्मियों को 2019 से ही मिल रहा है। राज्य में हर घर नल जल योजना 2016 से ही चल रही है। केंद्रीय योजना 2019 से शुरू हुई है। उससे पहले ही राज्य की ये योजना लगभग पूरी हो चुकी है।