आशुतोष राणा के हिंदी में शिव तांडव स्त्रोत को टाइमलाइन से हटाया
फेसबुक का एक और कारनामा सामने आया है। फेसबुक ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया पर तेजी से लोकप्रिय हो रहे आशुतोष राणा के हिंदी में गाये शिव तांडव स्त्रोत को डिलीट कर दिया। शिव तांडव स्त्रोत को सरल भाषा में प्रसिद्ध कवि आलोक श्रीवास्तव ने अनुवादित किया था, जिसे आशुतोष राणा ने अपनी आवाज दी है। देखते ही देखते ये वीडियो सोशल मीडिया पर छा गया। 59000 लोगों ने इसे लाइक किया और 30000 से अधिक लोगों ने इस वीडियो को शेयर भी किया। लेकिन अचानक से फेसबुक ने आशुतोष राणा के इस वीडियो को टाइमलाइन से हटा दिया। उसने ऐसा क्यों किया इसका किसी को पता नहीं है। इसके पीछे ना कोई तर्क दिया गया ना ही कारण बताया गया। इसमें ना तो कॉपीराइट का इशू था ना ही वायलेशन का मामला और ना ही यह वीडियो फेसबुक के नियमों के विरुद्ध था। ऐसे में इस तरह की एकतरफा कार्रवाई फेसबुक ने क्यों की इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा कि निसंदेह ये चकित कर देने वाली बात है कि मेटा ने भगवान शिव को समर्पित शिव तांडव स्त्रोत के हिंदी रूपांतरण को आशुतोष राणा जी की फेसबुक वाल से हटा दिया जिसे उन्होंने कल पोस्ट किया था।क्या इसे फेसबुक द्वारा सनातनी धार्मिक भावनाओं का अपमान माना जाना चाहिए? हालांकि जब फेसबुक के इस कदम का कड़ा विरोध होने लगा तो उनके वीडियो को फिर से टाइमलाइन पर लगा दिया गया। आशुतोष राणा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि महादेव की स्तुति वाली मेरी पोस्ट जिसे फेसबुक ने हटा दिया था उसे फिर से मेरी टाइमलाइन पर रिवाइव कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि ये सभी मित्रों स्नेहियों, शिव अनुरागियों के प्रभाव दबाव और आस्था के कारण ही संभव हो सका। अभिभूत हूं। हृदय से आप सभी का धन्यवाद। सादर प्रणाम।हर हर महादेव।
बहरहाल फेसबुक ने अपनी गलती तो सुधार ली है लेकिन उसका ये कदम आश्चर्यजनक है। बिना किसी कारण आशुतोष राणा का शिव तांडव स्त्रोत फेसबुक के टाइम लाइन से हटा लेना सोशल मीडिया साइटों की मनमानी को उजागर करता है।यही कारण है कि लोग इनकी निष्पक्षता पर सवाल उठाने लगे हैं।