गौरी सावंत के ज़िंदगी पर आधारित है ,सुष्मिता सेन:OTT प्लेटफॉर्म पर निभाएंगी ट्रांसजेंडर का रोल...
गौरी सावंत के ज़िंदगी पर आधारित है ,सुष्मिता सेन:OTT प्लेटफॉर्म पर निभाएंगी
ट्रांसजेंडर का रोल...
एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने के लिए तैयार हैं। राजनैतिक और सामाजिक सशक्तिकरण के जरिए बॉलीवुड भी पीछे नहीं है ,सुष्मिता ने अपने अपकमिंग प्रोजेक्ट्स की शूटिंग शुरू कर दी है। इस वेब सीरीज में सुष्मिता ट्रांसजेंडर के रोल में नजर आएंगी . ट्रांसजेंडर एक जटिल शब्द है जिसका अर्थ बहुत कुछ हो सकता है। लेकिन महिला के रूप में पहचाना जाता हैआज भारत में ट्रांसजेंडर कई तरह के भेदभावों का शिकार करना पड़ता है ,
जिसे मराठी फिल्ममेकर रवि जाधव डायरेक्ट कर रहे हैं।समाज ने उसे बताया कि वो एक औरत नहीं है, लेकिन फिर भी वो मां बनी. उसे ‘हिजड़ा’ बोल-बोलकर चिढ़ाया गया. हर दिन, हर पहर उसका आत्मसम्मान छीना गया, लेकिन उसने हार नहीं मानी. उसने जीना नहीं छोड़ा. किन्नर समुदाय मुख्यधारा में अपनी जगह बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ..
सुष्मिता की यह वेबसीरीज फेमस ट्रांस एक्टिविस्ट गौरी सावंत की बायोग्राफी पर आधारित है। सिरीज में कुल 6 एपिसोड होंगे, जिसमें गौरी की लाइफ के अलग-अलग फेज दिखाए जाएंगे। वेब सीरीज में दिखाया जाएगा कि आखिर किस तरह गौरी सावंत भारत की पहली ट्रांसजेंडर मां बनीं।
ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सुष्मिता इस रोल को करने के काफी एक्साइटेड हैं। वो अपने आर्या के किरदार से बाहर आकर कुछ नया और अलग ट्राई करना चाहती हैं। आर्या में सुष्मिता की एक्टिंग को बहुत एप्रिशिएट किया गया था, ऐसे में एक बार फिर सुष्मिता नए किरदार के साथ पर्दे पर आने के लिए तैयार हैं। यह सीरीज आम ट्रांसजेंडर की कहानी से बिल्कुल अलग है। यह गौरी और उनकी एडॉप्ट की हुई बेटी की कहानी है, जिसके लिए उन्हें समाज से लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। उम्मीद की जा रही हैं कि सुष्मिता नवंबर तक वेब सीरीज की शूटिंग कंप्लीट कर ली है।
वर्कफ्रंट की बात करें सुष्मिता इस अनटाइटल वेब सीरीज की शूटिंग पूरी करने के बाद, आर्या सीजन 3 की शूटिंग पर लग जाएंगी। इसके अलावा आने वाले समय में फिल्म बंगला नंबर 84 में भी नजर आएंगी, जिसे मानसी बागला ने डायरेक्ट किया है।
17 साल की उम्र में छोड़ा घर ..
वक्त जैसे-जैसे बीतता जा रहा था, वैसे-वैसे गौरी का दम भी घुटने लगा था. इसी माहौल में उन्होंने निर्णय लिया कि वे अब अपना घर छोड़ देंगी. जब उन्होंने घर छोड़ा,तब उनके पास केवल साठ रुपए थे और उनकी उम्र केवल 17 साल थी. खैर, जब वे घर छोड़कर दादर पहुंची, तो उन्हें वहां उनका एक दोस्त मिला. उसने गौरी को तीन दिन अपने घर में रहने देने का वादा किया.
इसी दौरान वे एक ऐसे ट्रस्ट से मिलीं, जो समलैंगिक लोगों के लिए काम करता था. जल्द ही उन्हें इस ट्रस्ट में काम करने का मौका मिला. वे महीने में 1,500 रुपए भी कमाने लगीं. घर छोड़कर भागे और लोगों की तरह उन्हें भीख मांगने की जरूरत नहीं पड़ी. यह सब उनकी हिम्मत और आत्मसम्मान की वजह से ही संभव हो पाया.
उर्वशी गुप्ता