हथियार उठाए कुशवाहा समाज, नागमणि ने...
पूर्व मंत्री नागमणि अब राजनीति की नई पारी खेलने जा रहे हैं नया दल वो बना चुके हैं फिलहाल रजिस्ट्रेशन का इंतजार है आज एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार की राजनीति से जुड़े तमाम सवालों के जवाब दिए इस दौरान उन्होंने जातीय जनगणना और आरक्षण के बहाने पिछड़े विशेष रुप से कुशवाहा समाज को भी साधने का प्रयास किया। नागमणि अब राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी का नेतृत्व करेंगे, लेकिन उसके पहले पूरे दमखम के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार में राजनीति का दांव पेच आजमाएंगे। आज उन्होंने इसका ऐलान भी कर दिया। उनकी राजनीति का पहला चरण है कुशवाहा समाज को साधना। उपेंद्र कुशवाहा के जनता दल यूनाइटेड में जाने के बाद अब नागमणि कुशवाहा समाज का नेता बनने की जुगत में लग गए हैं आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुशवाहा समाज के लोगों की हत्याओं पर आक्रोश जताते हुए उन्होंने लगे हाथ इस समाज के लोगों को हथियार उठाने की नसीहत भी दे डाली।
उन्होंने लालू नीतीश ही नहीं बल्कि तेजस्वी को भी सिरे से खारिज कर दिया। नागमणि का कहना है कि आठवीं पास लड़के के पास राज्य चलाने की क्षमता नहीं है।
पिछड़ों को लुभाने का एक बड़ा हथियार आरक्षण भी है, ऐसे में नागमणि भला पीछे क्यों रहते उन्होंने भी लगे हाथों आरक्षण का तीर चला दिया। लालू नीतीश के जातीय जनगणना पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जनगणना से नहीं आरक्षण की सीमा बढ़ाने से पिछड़ों का विकास होगा।
प्रेस वार्ता में नागमणि ने हर स्तर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश की। अपने आप को राजनीति का धुरंधर साबित करने के लिए उन्होंने ये भी कह दिया कि उत्तर प्रदेश में भाजपा में जो खलबली मची है वो दांव उन्हीं का खेला हुआ है।
कभी भाजपा का दामन थाम चुके नागमणि अब भाजपा को हराने के लिए कमर कस चुके हैं। वो पहले यूपी चुनाव में भाजपा की नैया डूबाएंगे, उसके बाद बिहार आकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की पार्टी को हाशिए पर धकेलेंगे। इसके लिए 15 मार्च से पूरे बिहार में शहीद जगदेव रथ निकालेंगे। फिलहाल नागमणि पूरे जोश में है और बिहार में एनडीए और राजद का विकल्प बनने की आस लगाए बैठे हैं। अब देखना ये है कि बिहार की जनता उनके इस सपने को पूरा करती है या फिर हर बार की तरह इस बार भी वो आखिरकार थक हार कर किसी न किसी दल का दामन थामने को मजबूर होते हैं।