104 वर्षों से लगातार जल रही अखंड ज्योत,बिहार के इस मंदिर के दर्शन मात्र से होती है सब मनोकामना पूर्ण (अखंडवासिनी मंदिर)

104 वर्षों से लगातार जल रही अखंड ज्योत,बिहार के इस मंदिर के दर्शन मात्र से होती है सब मनोकामना पूर्ण (अखंडवासिनी मंदिर)

104 वर्षों से लगातार जल रही अखंड ज्योत,बिहार के इस मंदिर के दर्शन मात्र से होती है सब मनोकामना पूर्ण (अखंडवासिनी मंदिर)

पटना के प्रमुख शक्ति उपासना स्थलों में  से एक है, खंडवासिनी मंदिर में 104 सालों से लगातार अखंड ज्योत जल रही है, यह ज्योत मामूली नहीं माता की ज्योत है,असम के कामाख्या से यहां लाया गया है। एक में घी और दूसरे में सरसो के तेल का प्रयोग होता है। जो भक्त खास मनोकामना लेकर यहां आते हैं, सरसो का तेल और घी की व्यवस्था दान करते  हैं, श्री श्री अखंडवासिनी मंदिर में मां काली की प्रतिमा के साथ माता की बंगलामुखी प्रतिमा स्थापित है।

नवरात्र में यहां सात हल्दी, नौ लाल फूल व एक पॉकेट सिंदूर चढ़ाने की परंपरा है,ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। नवरात्र में सप्तमी, अष्टमी और नवमी मिलाकर यहां 50 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन करने आते हैं,  वैसे हर मंगलवार को यहां पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ती है। 

1914 में झोपड़ीनुमा यह मंदिर ,तीन पीढ़ियों से एक ही परिवार के लोग माता की सेवा कर रहे है , शायद पटना का यह पहला मंदिर होगा, जहां तीन पीढ़ियों से एक ही परिवार के लोग माता की सेवा में लगे हैं। मौजूदा व्यवस्थापक व पुजारी तिवारी ने बताया कि 1914 में उनके बाबा आमी स्थान निवासी आयुर्वेदाचार्य डॉ. विश्वनाथ तिवारी ने इस अखंड दीप को कामाख्या से लाकर यहां स्थापित किए थे। तब से दो अखंड दीप मंदिर में लगातार जल रहे हैं। 

उर्वशी गुप्ता