दरभंगा- सावधान अगर आपने कोरोना जांच नहीं भी कराया तो जांच रिपोर्ट आ सकती है ।

कोरोना महामारी के इस वैश्विक संकट में सरकार जहाँ एक ओर प्रति दिन इसके बचाव के लिए नये नये उपाय भी कर रही है, और उसे धरातल पर लागू कराने के लिए नित्य नवीन नियम  भी लागू करवाने कि कोशिश कर रही है बावजूद इसके जनता को समुचित सरकारी वयवस्था का लाभ पु्र्ण रुप से नहीं मिल रहा है,सरकारी नियम को लागू करवाने वाले बहुत से अमले अब भी अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाते हैं,इसकी ताजी  मिशाल सवास्थ्य विभाग के अमला ने पेश किया है, 
दरअसल में मामला कुछ इसी तरह का अचंभित करने वाला है दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखण्ड के देवराम अमैठी पंचायत के अमैठी गाँव के सेवानिवृत्त बी एम पी के सब इंसपेक्टर महेंद्र ठाकुर को  बगैर जांच कराये ही बिहार सरकार के सवास्थ्य विभाग की ओर से 21 मई कि शाम को मैसेज आया जिसमें लिखा है कि श्री महेंद्र ठाकुर आई डी- SYS-cov-BI-DBG-20-25259864-   दिनांक 19 मई को आपका कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल लिए गए थे, Antigen जांच में वह निगेटिव पाया गया है, किसी भी चिकित्सकीय सहायता के लिए 104 पर काल करें, ओटीपी नमबर--27751083, अधिक जानकारी के लिए संजीवन ऐप डाउनलोड करें,इस रिपोर्ट को मोबाइल पर प्राप्त करने के बाद करीब 64 वर्ष के महेंद्र ठाकुर हैरत में पड़ गए और परेशान हो गये, उनहोंने कहा कि उन्होंने कभी भी कहीं भी कोरोना जांच नहीं कराया है, हां कोरोना से बचाव के लिए वैकसीन का पहला डोज 14 अप्रैल को लिया है, वहीं दुसरी ओर बगैर जांच कराये  इस कोरोना जांच रिपोर्ट- प्राप्ती के बारे में जब बहेड़ा पी एच सी के डाक्टर अमरनाथ से फोन पर कारण पुछा गया तो उनहोंने ने बड़े सरल अंदाज में कहा कि हो सकता है किसी ने अपने नाम की जगह उनका नाम (महेंद्र ठाकुर) और मोबाइल नमबर लिखा दिया हो इसलिए वो मैसेज चला गया होगा, पी एच सी प्रभारी ने इस विषय को गम्भीरता  नहीं लिया, 
अंत में सवास्थ्य विभाग के इस अनोखे अचंभित करने वाले कारनामे से कई  सवाल खड़े होते हैं, अगर मैसेज कोरोना  पोजिटिव आता तो सरकारी अमला उनके पते पर पहुँच कर कोरंटाईन या होम आइसोलेशन करवाने का प्रयास करता ,और आदमी अनावश्यक परेशान होता,वहीं अगर मान ले की  किसी दुसरे वयक्ति ने अपना जांच कराया और नाम पता मोबाइल नंबर ईनका दे दिया और हकिकत में वो पोजिटिव जांच में निकलता तो जिसे कोरंटाईन या होम आइसोलेशन करना था वो तो आजाद रहता और संक्रमण एक दुसरे में बढ़ाता,इसका जिम्मेदार कौन होगा या होता, अगर इस भुल को सवास्थ्य विभाग के अमले ने गम्भीरता  नहीं लिया या इसी तरह भुल होती रही तो शायद कोरोना फैलने की रफ़्तार   बढती ही रहेगी ना की कम होगी  ।