लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले बड़े दुकानदारों पर अधिकारियों की है कृपा, छोटे दुकानदारों पर जुर्माना ।

नवादा जिले के  रजौली थाना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित मरीजों बढ़ते प्रभाव के अलावे गाइड लाइन की भी अनदेखी,,यहां के अधिकारियों के द्वारा की जा रही है।जिसके कारण लोगों में दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी अनिल प्रसाद के दोहरी नीति पर चर्चा बना हुआ है।बताते चलें कि राज्य सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमित मरीजों की लगातार बढ़ रही संख्या के कारण 05 मई से 15 मई तक पूरी तरह से लॉकडाउन किया गया है।जिसमें दवा, फल, दूध एवं आवश्यक खाद्य सामग्री की दुकानों को छोड़ सारी दुकानों को बंद करने का सरकारी फरमान जारी किया गया है।साथ हीं साथ आवश्यक वस्तुओं की दुकान खोलने की तय सीमा सुबह 07 बजे से 11 बजे अपराह्न तक निर्धारित किया गया है।बावजूद रजौली में लॉकडाउन का अनुपालन यहां के बड़े दुकानदारों के द्वारा नहीं किया जा रहा है।जिसका सहयोग अधिकारी करते दिखाई दे रहे हैं।जिससे कारण रजौली के छोटे-छोटे दुकानदारों में यह चर्चा है कि जो रसूख एवं पैसे वाले दुकानदार हैं।उनकी दुकान खुल सकती है और जो गरीब व संसाधन विहीन हैं। उनके दुकान खुलने के साथ हीं सील कर दिया जा रहा है।प्रशासन की यह दोहरी नीति  से लॉकडाउन का पालन करने वाले दुकानदार एवं जिनका दुकान सील किया गया है। उनमें काफी रोष व्याप्त है। सुबह रजौली थानाध्यक्ष सह प्रशिक्षु डीएसपी फिरोज आलम, इंस्पेक्टर दरबारी चौधरी दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी अनिल प्रसाद के साथ लॉकडाउन पालन करने एवं उल्लंघन करने वाले लोगों की निरीक्षण करने अपने-अपने वाहन से रजौली बाजर भ्रमण करने निकले थे।भ्रमण करते करते वे लोग बीच बाजार पहूंचे।जहां अशोक वस्त्रालय नामक एक कपड़ा दुकान के समीप डुमरकोल गांव की रहने वाली सुनीता देवी नामक एक महीला बैठी हुई थी।महिला ने बताया कि उसका एक हजार रूपये दुकानदार के द्वारा लेकर बाहर निकाल दिया गया।और वह पैसे नहीं दे रहा है।जिसके बाद टीम ने जांच पड़ताल किया तो दुकान के अंदर दर्जनों की संख्या में ग्राहक मौजूद थे।प्रशिक्षु डीएसपी सह थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिस दबिश के कारण दुकानदार ग्राहकों समेत दुकान खोलकर बाहर निकला।दुकान के अंदर से चार महिला व एक पुरुष ग्राहक को निकाला गया।तत्पश्चात प्रशिक्षु डीएसपी एवंं पुलिस टीम ने दंडाधिकारी को आगे की कार्रवाई के सौंप दिए।लेकिन सीओ ने किसी भी प्रकार की कार्यवाई किए बगैर दुकानदार को छोड़ वहां से चले गए।बाजार में गणेश राम कपड़ा दुकान, सोना रेडिमेड आदि दुकान भी आधी-अधूरी दुकान की शटर खोल कर बिक्री करते पकड़े गए थे।बावजूद दंडाधिकारी सह सीओ के द्वारा कार्रवाई नहीं किये जाने के बाद लॉकडाउन की सजा पाए अन्य दुकानदारों में चर्चा है कि आखिर कैसी साठगांठ है।प्रशासनिक अधिकारियों में जिसके कारण सरकारी निर्देशों के बाद भी कार्रवाई से उक्त दुकान वाले नियमों का उल्लंघन कर के उपरांत भी बचे रह गए।इधर बाजार वासियों का यह भी कहना है कि कार्रवाई के बाद अधिकारियों की टीम चली गई थी।उसके एक घंटे के अंतराल में सीओ के चालक रंजीत कुमार दुकानदार से मिलने आया हुआ था। जिससे लोगों के जेहन में सवाल उत्पन्न होने लगा कि आखिर ऐसा क्या बात थी जो निरीक्षण करने वाली टीम के जाने के बाद चालक दुकानदार से मिलने आया था।बताते चलें कि रजौली बाजार में कई दुकानदारों का घर का रास्ता भी दुकान से होकर जाता है।जिसके कारण भी काफी परेशानी होती है।बाजार वासी ने कहा कि क्या लॉकडाउन का पालन कराने वालों ने अधिकारियों को गरीब व रसूख वाले दुकानदारों के लिए अलग अलग निर्देश प्राप्त हैं क्या।इधर कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम का कहना है कि हमने तो अपने स्तर से कार्रवाई कर ग्राहकों को दुकान से निकालकर आगे की कार्रवाई के लिए दंडाधिकारी सह अंचलाधिकारी को सौंप दिया था।वे क्या कार्रवाई किये हैं हमलोग नहीं जानते हैं।अंचलाधिकारी ने कहा कि दुकान में कोई ग्राहक नहीं था।इसलिए किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।इधर मामले की जानकारी एसडीओ चंद्रशेखर आजाद ली गई तो उन्होंने बताया कि इस विषय में अंचलाधिकारी से बात करने पर उन्होंने बताया कि दुकान में कोई व्यक्ति नहीं था।जिसके कारण कार्रवाई नहीं की गई है।एसडीओ ने बताया कि दोपहर 12:30 बजे कि लगभग बाजार का भ्रमण हमारे द्वारा भी किया किया था।इसमेंं पाया पाया कि रजौली वासी लॉकडाउन केे नियमों पालन करते हुए अपनेे में सारी दुकान बंद कर घरों के अंदर थे।उन्होंने एक परेशानी का सबब बताया कि बाजार में अधिकांशतः दुकान एवं घर का रास्ता एक हीं है।जिसके कारण कार्रवाई करने में कठिनाई होती है।इसलिए उन्होंने दुकानदारों से अपील किया कि लॉक डाउन का पालन स्वयं करेंगे तो उनके साथ-साथ आसपास के लोग कोरोना महामारी से बचे हुए रहेंगे।