अभिलेख भवन में उर्दू भाषा साहित्य में नामचीन कथाकार एवं कवि जमील मजहर और शकीला अख्तर को याद किया गया 

अभिलेख भवन में उर्दू भाषा साहित्य में नामचीन कथाकार एवं कवि जमील मजहर और शकीला अख्तर को याद किया गया 

अभिलेख भवन में उर्दू भाषा साहित्य में नामचीन कथाकार एवं कवि जमील मजहर और शकीला अख्तर को याद किया गया 

पटना के बेली रोड स्तिथ अभिलेख भवन में उर्दू भाषा साहित्य में नामचीन कथाकार एवं कवि जमील मजहर और शकीला अख्तर को याद किया गया ,पटना विश्वविद्यालय के उर्दू विभागाध्यक्ष डॉक्टर जावेद और पटना विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर साहब जफर  बिहार उर्दू एकेडमी के पूर्व सचिव फखरुद्दीन आरफ़ और कई लोग उपस्थित हुए, बता दे की जमील मजहर एक बहुत ही अच्छे कहानीकार भी हुए हैं, जिनको भुलाया नहीं जा सकता और उर्दू साहित्य में शकीला अख्तर उस समय की महिला थी जब उच्च शिक्षा और बाहर आने-जाने पर पाबंदी थी लेकिन शकीला अख्तर ने इन सभी परंपराओं को तोड़कर नारी शिक्षा पर जोर दिया उनकी लिखी हुई एक अफसाने डायन बहुत चर्चित रहा रही.