आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...

आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...
आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...

आज पूरा भारत वर्ष धनतेरस माना रहा है ,धनतेरस पर सदियों से खरीदारी की परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि इस दिन खरीदारी करने से बरकत आती है...


धनतेरस देश का एक अहम त्योहार है।,देश में इन दिनों त्‍योहार का सीजन चल रहा है. ऐसा माना जाता है कि धनतेरस में देवी लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और समृद्धि आती है। इस दिन धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है।देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धन्वंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है। लोग दिवाली महापर्व की तैयारियों में जुटे हैं. उससे पहले धनतेरस का त्‍योहार मनाया जाता है. धनतेरस हर साल कार्तिक मास में कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है. शास्‍त्रों के अनुसार, इसी दिन भगवान धन्‍वंतरि का जन्‍म हुआ था, इसलिए धनतेरस का उत्‍सव मनाया जाता है.

भगवान धन्‍वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, ऐसे में इस दिन बर्तन की खरीदारी करने की परंपरा है. भारत में धनतेरस के दिन पारंपरिक तौर पर बड़े पैमाने पर लोग खरीदारी करते हैं.

इसलिए बाजारों में काफी भीड़ रहती है. लोग अपनी क्षमता के अनुरूप तरह-तरह के बर्तन की खरीदारी करते हैं. धनतेरस के मौके पर तांबे के बर्तन की खरीदारी करना लाभकारी होगा. तांबे के कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी लाभ हैं.

मान्यता है कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि का जन्म हुआ था,अवसर पर सोना, चांदी और अन्य कीमती मेटल्स खरीदना काफी शुभ माना जाता है.

धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदने की परंपरा है। इस दिन गहनों के साथ ही सोने चांदी के सिक्कों, बिस्किट और पीतल के बर्तन की खरीदारी सबसे अधिक होती है।  एलसीडी तथा एलइडी टीवी की ज्यादा डिमांड है। एलइडी की खूबियों की वजह से ग्राहकों में इसकी डिमांड बढ़ी है।धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से घर में लक्ष्मी जी का वास बना रहता है. ,काफी शुभ माना जाता है

दुकानदार- दुकानदार बताते है कि एलसीडी में साइड से देखने पर पिक्चर साफ नजर नहीं आती तथा पिक्चर के पिक्सल फटने लगते हैं। एलसीडी में लिक्विड फार्म के कारण रंग फैल जाते हैं। वहीं एलईडी में क्रिस्टल फार्म के कारण पिक्चर अपने ओरिजनल स्वरूप में ही रहती है। इसके अलावा दीपावली को लेकर एयर कंडीशनर की बिक्री भी ज्यादा हो रही है। दुकानदारों की मानें तो अभी एयर कंडीशनर की दामों में थोड़ी गिरवाट आई है।जिसके कारण बिक्री बढ़ी है।


चावल घर हो या मंदिर, शादी हो या फिर कोई भी धार्मिक अनुष्ठान, चावल के बिना कोई भी पूजा संपन्न नहीं हो पाती है. इसे सनातन धर्म में अक्ष कहा जाता है. अक्षत देवी-देवताओं को भी अर्पित किया जाता है. इसका प्रयोग देवी-देवताओं को चढ़ने वाली खीर और मिठाई में भी होता है.


धनतेरस दिवाली के दो दिन पहले मनाया जाने वाला त्योहार है. इस बार तिथियों के संयोग की वजह से धनतेरस के अगले दिन ही दिवाली मनाई जाएगी. धनतेरस 23 अक्टूबर और दिवाली 24 अक्टूबर को है. शास्‍त्रों की मानें तो इसी दिन धन्वंतरि देव के साथ मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है. भगवान धन्वंतरि के उत्पन्न होने के दो दिनों बाद देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं, इसलिए धनतेरस के दो दिन बाद दीपावली का पर्व मनाया जाता है. इस दिन बर्तन के अलावा कोई भी सामान खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है.

जल -धनतेरस के अवसर पर अगर आप बरतन की खरीदारी कर रहे हैं, तो उसमें आप जल भरकर घर ला सकते हैं. सनातन धर्म में जल का विशेष महत्व होता है. इसे देवता के रूप में स्वीकार किया जाता है.  बरतन में जब

आप जल भरेंगे, तो उसमें थोड़ा सा गंगाजल मिलाया जा सकता है. जल के अलावा आप उसमें शहर या दूध भी डाल सकते हैं. 

सात तरह के अनाज-धनतेरस के बर्तन में अगर आप 7 प्रकार के अनाज लेकर आएं है, तो ये शुभ होगा. इस बर्तन में आप जौ, सफेद तिल, धान, गेहूं, काला चना, मूंग या मसूर दाल भी लेकर आ सकते हैं. इसका प्रयोग देवी-देवताओं को चढ़ने वाली खीर और मिठाई में भी होता है, जिस प्रसाद को श्रद्धालुओं में भी वितरित किया जाता है.

धनतेरस पर पूजा-पाठ के अलावा शुभ वस्तुओं की खरीदारी का भी विधान है। ऐसे में दोनों दिन धनतेरस का त्योहार मनाया जाएगा।


उर्वशी गुप्ता