घरेलू कामगारों,नौकरों, ड्राइवरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी,

घरेलू कामगारों,नौकरों, ड्राइवरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी,

केंद्र सरकार ने घरेलू कामगारों ड्राइवरों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों के लिए एक नई पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत यदि श्रमिक 18 से 40 की आयु में रजिस्ट्रेशन करातें हैं तो 60 साल की उम्र पूरा होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से उन्हें 3000 रूपये तक की मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके लिए मजदूरों को सालाना प्रीमियम के तौर पर न्यूनतम 660 से लेकर 2400 रूपये तक देना होगा। इसका मतलब ये है कि कामगार लगभग 55 रुपए से लेकर 200 रूपये तक की मासिक प्रीमियम जमा करके पेंशन योजना का लाभ उठा सकेंगे। इस योजना के तहत केंद्र सरकार ने घरेलू कामगारों के मालिकों को भी प्रेरित किया है कि वो अपने घर काम करने वाले श्रमिकों के प्रीमियम की मासिक किस्त का भुगतान करें। डोनेट अ पेंशन योजना के तहत 7 मार्च से शुरू की गई ये स्कीम 13 मार्च तक चलेगी। इसके तहत आप घरेलू कामगारों ड्राइवरों घरेलू नौकरों सहित अपने यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए कुछ पैसे दान कर सकते हैं।केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने माली के लिए डोनेट ए पेंशन के साथ योजना की शुरुआत की। उन्होंने बताया कि सहायक कर्मचारियों की पेंशन बनाने और उसमें योगदान देने के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत 'डोनेट-ए-पेंशन' कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।

इस पहल के तहत, लोग अपने तत्काल सहयोगी स्टाफ जैसे घरेलू कामगार, ड्राइवर, हेल्पर आदि के प्रीमियम योगदान को दान कर सकते हैं। योजना के बारे में बताते हुए भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया, मेरे आवास पर माली के लिए 'Donate-a-Pension' कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह पेंशन योजना के तहत एक पहल है, जहां नागरिक अपने तत्काल सहायक कर्मचारियों जैसे घरेलू कामगारों, ड्राइवरों, सहायकों आदि के प्रीमियम योगदान को दान कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक स्वैच्छिक और अंशदाई पेंशन योजना है जिसमें लाभार्थी एक निर्धारित आयु तक विशिष्ट योगदान देता है और केंद्र सरकार इसका मिलान करती है। मसलन यदि कोई व्यक्ति 29 वर्ष की आयु में सिस्टम में शामिल होता है तो उसे 7 वर्ष की आयु तक प्रतिमाह 100 रूपये देने होंगे और केंद्र सरकार भी 100 रूपये की समान राशि का योगदान करेगी।इससे असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को न सिर्फ वित्तीय मदद मिल सकेगी, बल्कि उन्हें हर महीने घर चलाने की टेंशन से भी थोड़ी राहत मिलेगी।