मॉनसून की पहली बारिश ने मचाई त/बाही, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

मॉनसून की पहली बारिश ने मचाई त/बाही, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

मॉनसून की पहली बारिश ने मचाई त/बाही, कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

मुंबई से लेकर दिल्ली तक रविवार को मॉनसून ने दस्तक दी . लेकिन मॉनसून की पहली बारिश ने कई राज्यों में तबाई मचा दी, देश के अलग-अलग हिस्सों में 13 लोगों की जान चली गई. कहीं बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए तो कहीं मकान धरासाई हो गई. रेल और सड़क यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हो गई. हरियाणा के सोनीपत में सिग्नल सिस्टम खराब हो गया. जिसके चलते कई ट्रेनें का संचालन बाधिर रहा. भारी बारिश के चलते कई विमानों के रूट भी बदलने पड़े. जिसके चलते मुसाफिरों को परेशानी का सामना करना पड़ा


रविवार को हुई मॉनसून की पहली बारिश ने देश के कई हिस्सों में कहर बरपाया. बारिश के चलते हुए हादसों में देश के अलग-अलग इलाकों में 13 लोगों की मौत हो गई. सबसे ज्यादा जानें उत्तर प्रदेश में हुईं. जहां 7 लोगों की मौत हुई. जबकि मुंबई और राजस्थान में 2-2 लोगों की जान चली गई. वहीं पहाड़ी राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में एक-एक शख्स बारिश से हुए हादसों का शिकार हो गए. यूपी में आकाशीय बिजली गिरने और मकान ढहने के अलावा बिजली के खंभों में करंट उतरने की घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो गई. जबकि कई इलाकों में पानी भर गया और बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई, रविवार को राजधानी में दिल्ली में मॉनसून की पहली बारिश दर्ज की गई. मॉनसूनी बारिश के पहले दिन 50.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. वहीं पंजाब के कुछ और हरियाणा के ज्यादातर हिस्से में रविवार को मूसलाधार बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत तो दी लेकिन इसने लोगों की परेशानी भी बढ़ा दी. पंचकूला में घग्गर नदी का अचानक बढ़े जलस्तर के चलते सात लोग नदी पार करते वक्त फंस गए. यही नहीं इससे पहले नदी में एक कार फंस गई. जिसमें सवार महिला को काफी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाला जा सका.

बारिश के चलते मुंबई के विले पार्ले और घाटकोपर में दो इमारतों के हिस्से धरासाई हो गए. जिसमें दो बुजुर्गों की मलबे में दबकर मौत हो गई. उधर हिमाचल के मंडी व कुल्लू जिले में तेज बहाव के चलते 14 गाडि़यां पानी में बह गईं. इसके अलावा शिमला जिले में एक पहाड़ी का पत्थर गिरने से एक ट्रैकर की जान चली गई. जिसकी पहचान बिहार के सारण जिले में दिशवाड़ा गांव के जितेंद्र प्रसाद के रूप में हुई है. भारी बारिश के चलते उत्तराखंड के ज्यादातर जिलों में नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए.