यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान कल, जानिए कौन है किस पर भारी

यूपी विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान कल, जानिए कौन है किस पर भारी

देश के पांच राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।उत्तर प्रदेश पंजाब उत्तराखंड गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं। पूरे देश की नजरें इन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर टिकी हैं।सबसे ज्यादा चर्चा में है उत्तर प्रदेश। ऐसा माना जाता है कि यूपी से ही देश के राजनीति की दिशा तय होती है। सबसे ज्यादा सांसद देने वाला उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री बनाने में भी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में यूपी चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा गठबंधन के बीच है, हालांकि बसपा और कांग्रेस भी रेस में बने हुए हैं।उत्तर प्रदेश में पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार थम गया है।

कल यानी 10 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे।पिछले चुनाव की बात करें तो 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 58 सीटों पर बीजेपी का दबदबा था। 58 में से 53 सीटें बीजेपी के ख़ाते में गई थीं।सपा-बसपा ने 2-2 सीटें हासिल की थी। लेकिन इस बार बीजेपी की राह थोड़ी मुश्किल लग रही है।इस चुनाव में बीजेपी ने 23 सीटों पर उम्मीदवार बदल दिए हैं।विधानसभा चुनाव में नए उम्मीदवारों को उतारने की भाजपा की रणनीति रही है। वो ऐसे विधायकों को दूसरा मौका नहीं देना चाहती जिनके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी है। यही कारण है कि हर चुनाव में भाजपा आंतरिक सर्वे कराती है और जिस उम्मीदवार की साख खराब होती है उसे बदल दिया जाता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है, हालांकि सपा और रालोद गठबंधन के साथ बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवार बदले हैं।

स्थानीय समीकरण और जातिगत जोड़-तोड़ को लेकर भी उम्मीदवार बदले जाते हैं। इस बार रालोद और सपा गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बीएसपी और कांग्रेस अकेले ही चुनाव में हाथ आजमा रहे हैं। 10 फरवरी को जिन विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होना है वहां जाट मतदाताओं की बहुलता है। मुस्लिम मतदाता भी अच्छी खासी संख्या में है। इसीलिए ऐसा माना जा रहा है कि इस बार भाजपा की राह आसान नहीं होगी। क्योंकि सपा रालोद गठबंधन के कारण जाट समुदाय का वोट बंटने की संभावना है।वही किसान आंदोलन का भी असर पड़ सकता है।यदि चुनाव पूर्व सर्वे पर यकीन करें तो ये तय मान सकते हैं कि भले ही सीटें कम होंगी लेकिन भाजपा यहां सबसे बड़ी पार्टी बनी रहेगी।

हालांकि चुनाव में कौन सा ऊंट कब किस करवट बैठ जाएगा इस पर लेकर पहले से कुछ भी कहना आसान नहीं होता है। यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होंगे। 10 फरवरी को पहले चरण का चुनाव होगा। उसके बाद 14 फरवरी को दूसरे , 20 फरवरी को तीसरे, 23 फरवरी को चौथे, 27 फरवरी को पांचवे, 3 मार्च को छठे और 7 मार्च को सातवें चरण की वोटिंग होगी. 10 मार्च को नतीजे आएंगे। तब तक लोगों को फाइनल रिजल्ट का इंतजार करना पड़ेगा