क्या कोई बिकनी पहनकर स्कूल जाता है? टीवी पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने...

क्या कोई बिकनी पहनकर स्कूल जाता है? टीवी पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने...

लड़कियों के स्कूल में हिजाब पहनने को लेकर कर्नाटक से शुरू हुआ विवाद अब पूरे देश में फैल गया है। पक्ष विपक्ष के नेता इसको लेकर अपनी राय रख रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिजाब के समर्थन में ट्वीट किया, और उस पर पलटवार करते हुए टीवी पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने प्रियंका गांधी से ही कई सवाल पूछ लिए।

कर्नाटक में चल रहा हिजाब विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच कल कई मुस्लिम संगठनों ने हिजाब पहनने के अधिकार को लेकर देश के अनेक हिस्सों में प्रदर्शन किया।इधर विभिन्न दलों के नेता भी विवाद के बीच में कूद पड़े हैं और लगातार पक्ष विपक्ष में बयान दे रहे हैं। इसी क्रम में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिजाब के समर्थन में ट्वीट करते हुए कहा, 'एक महिला का अधिकार है, वह बिकिनी पहनना चाहे, हिजाब पहनना चाहे, वह घूंघट लगाना चाहे, वह साड़ी पहनना चाहे या जींस पहनना चाहे। इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है और ना ही होनी चाहिए।

प्रियंका गांधी के इस बयान पर पलटवार करते हुए टीवी पत्रकार रिचा अनिरुद्ध ने उनसे सवाल किया है कि 'क्या कोई बिकनी पहनकर स्कूल जाता है? रिचा ने प्रियंका के ट्वीट का जवाब देते हुए पूछा कि कोई एक लड़की बता दीजिए जो बिकिनी घूंघट या जींस में स्कूल जाती है। कृपया तथ्यों पर बात कीजिए। मुद्दा स्कूल यूनिफॉर्म का है, और कुछ नहीं। रिचा यहीं नहीं रुकीं उन्होंने ये भी कहा कि भारतीय महिलाओं की पीढ़ियों ने एक प्रतिगामी पर्दा व्यवस्था से छुटकारा पाने के लिए संघर्ष किया है। आप इसे वापस चाहते हैं और भारत को ईरान बनाना चाहते हैं?

इसके साथ-साथ ऋचा अनिरुद्ध ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की भी याद दिलाई। उन्होंने अशोक गहलोत के उस ट्वीट का स्क्रीन शॉट शेयर किया है जिस पर लिखा है समाज को एक महिला को घूंघट में कैद करने का अधिकार नहीं है। नारी को घूंघट में कैद नहीं कर सकते। नारी को जब दुर्गा कहते हैं तो उसकी भी देश के निर्माण में भागीदारी होनी चाहिए। अब जमाना बदल चुका है। हिम्मत और हौसले के साथ महिलाओं को आगे बढ़ना होगा। सरकार आपको हमेशा साथ खड़ी मिलेगी।

रिचा के इस पलटवार का क्या जवाब आता है, ये तो देखने वाली बात होगी लेकिन इतना तय है कि हिजाब विवाद के बहाने देश में पर्दा प्रथा की प्रासंगिकता को लेकर एक बहस ज़रूर छिड़ गई है।