भागलपुर में सुशील मोदी ने कहा सदानंद बाबू की सांसद बनने की बहुत इच्छा थी लेकिन RJD के कारण नहीं बन पाए
सदानंद बाबू की सांसद बनने की बहुत इच्छा थी, लेकिन राजद के कारण वे सांसद नहीं बन पाए। लालू नहीं चाहते थे कि सदानंद बाबू कभी सांसद बनें, इसीलिए वे हमेशा समझौता कर कभी किसी को तो कभी किसी को टिकट देते रह गए। राजद में उठापटक होना उनका कल्चर है। यह बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने भागलपुर में कही। दरअसल, वे बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष, कहलगांव विधानसभा से 9 बार विधायक रहे कांग्रेस के वरिष्ठ और कद्दावर नेता सदानंद सिंह के श्राद्धकर्म में हिस्सा लेने कहलगांव जाने के लिए भागलपुर आए थे। सदानंद बाबू का निधन 8 सितंबर 2021 को पटना में इलाज के दौरान हो गया था।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सदानंद बाबू का आज श्राद्धकर्म है। मेरा उनसे व्यक्तिगत संबंध रहा है, उनकी बहुत बड़ी मदद हमें मिलती रही है। उन्होंने कहा कि मैं उनके अहसान को कभी भूल नहीं पाऊंगा। सभी दलों के लोग उनके प्रशंसक हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि कांग्रेस में रहते हुए भी उन्होंने सभी राजनीतिक दलों में लोगों को सम्मान दिया, स्नेह दिया और आशीर्वाद दिया।
सुशील मोदी बोले- मैं सदानंद बाबू का अहसानमंद हूं
उन्होंने यह भी कहा कि अगर मेरे जैसे लोग भागलपुर के सांसद बने और उपमुख्यमंत्री बने तो इसमें कहीं ना कहीं सदानंद बाबू का योगदान रहा है। मैं उनका अहसानमंद हूं। उन्होंने कहा कि जब वे पटना के अस्पताल में इलाजरत थे तो उस समय मैं उनसे मिलने गया था। उनके निधन से हमलोग दुःखी हैं। इसीलिए उनके श्राद्ध कर्म में हिस्सा लेने के लिए हम पटना से चल कर आए हैं।
राज्य सभा सांसद ने कहा कि सदानंद बाबू न सिर्फ भागलपुर के बल्कि बिहार की धरोहर थे। उन्होंने कहा कि 8 बार चुनाव जितना कोई मामूली बात नहीं है। उनकी इच्छा जरूर थी सांसद बनने की लेकिन राजद के कारण वे कभी सांसद नहीं बन पाए। लालू जी नहीं चाहते थे कि वे कभी सांसद बने। ऐसे लोग राजनीति में बहुत बिरले होते हैं, जिनका राजनीति में कोई दुश्मन नहीं है। उन्होंने कहा कि सदानंद बाबू दल से ऊपर उठकर थे। राजनीति में स्पीकर की बहुत भारी कमी है और वे हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत थे। जाते-जाते उन्होंने राजद पर फिर एक चोट कर दी और कहा कि राजद में उठापटक होना उनका कल्चर है।