कल से खुलेंगे स्कूल , बच्चों में खासा उत्साह, सरकार ने भी कसी कमर
133 दिन बाद स्कूल खोलने को लेकर पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों में खासा उत्साह है। विद्यालय प्रबंधन ने भी स्कूलों के संचालन को लेकर तैयारी पूरी कर ली है। स्कूल परिसर, बेंच-डेस्क आदि सेनेटाइज किये गये हैं। हालांकि राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों के बच्चों को अभी इंतजार करना पड़ेगा। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बाढ़ के पानी से घिरे स्कूलों या बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिलहाल प्रारंभिक स्कूलों का संचालन मुमकिन नहीं है।
गौरतलब है कि राज्य में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर को देखते हुए 5 अप्रैल से राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग आदि बंद कर दिए गये थे। 12 जुलाई से दसवीं के ऊपर के स्कूल और कॉलेज खुले थे, 7 अगस्त से 9वीं-दसवीं के स्कूल और कोचिंग संस्थान खुले थे। अब करीब 80 हजार प्रारंभिक स्कूल सोमवार से खुलने जा रहे हैं। इनमें से 72 हजार सरकारी प्रारंभिक स्कूल हैं, जिनमें 29 हजार मिडिल स्कूल हैं जबकि 43 हजार प्राइमरी। सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में करीब पौने दो करोड़ बच्चे नामांकित हैं। प्रारंभिक स्कूलों को लेकर शिक्षा विभाग ने अलग से कोई गाइडलाइन तो जारी नहीं किया है लेकिन 9वीं से 12वीं के स्कूलों में लागू सभी कोविड-प्रोटोकॉल का यहां भी पालन जिलों को करना है। इसके मुताबिक हर बच्चा एक दिन बीच कर विद्यालय आयेगा। अर्थात आधी क्षमता के साथ ही स्कूल संचालित होंगे। दो बच्चों के बैठने की जगह में छह फीट की दूरी होगी। बच्चों के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा। सामूहिक एसेम्बली नहीं होगी।
उधर, सरकारी प्रारंभिक स्कूलों से इतर बड़े निजी स्कूलों में इसको लेकर बहुत उत्साह नहीं है। ऐसे निजी स्कूल अभी बच्चों को बुलाने के मूड में नहीं दिख रहे। राजधानी पटना के ही कई नामचीन स्कूलों का अभी ‘वेट एंड वॉच’ को प्रश्रय देते हुए ऑनलाइन कक्षा चलाते रहने पर ही बल है। ये स्कूल कुछ वक्त ले सकते हैं।
शिक्षा मंत्री ने लगातार स्कूल बंद रहने और पढ़ाई की क्षति के मद्देनजर कहा कि शिक्षक अपना शत प्रतिशत अध्यापन कार्य में लगाएं। डीईओ को निर्देश दिया गया कि वे ध्यान रखें कि शिक्षकों को वेतन भुगतान, विसंगति, बकाया राशि, प्रोन्नति आदि के लिए कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े। शिक्षक व कर्मचारी अनिवार्य रूप से कोरोना टीका का दोनों डोज लें, इसे भी सुनिश्चत करें।