Overhydration: बहुत अधिक पानी पीना भी सेहत के लिए ठीक नहीं, जानिए शरीर पर क्या होता है इसका दुष्प्रभाव?
Overhydration: बहुत अधिक पानी पीना भी सेहत के लिए ठीक नहीं, जानिए शरीर पर क्या होता है इसका दुष्प्रभाव?
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सभी लोगों को रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पीते रहने की सलाह दी जाती है। गर्मी के दिनों में यह जरूरत और भी बढ़ जाती है, क्योंकि धूप और गर्मी के कारण शरीर से पानी की ज्यादातर मात्रा पसीने के रूप में बाहर आ जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, वयस्कों के लिए प्रतिदिन 3-4 लीटर की मात्रा में पानी पीते रहना आवश्यक है, यह आपको डिहाइड्रेशन के जोखिमों से बचाने में सहायक है साथ ही शरीर के अंगों के कार्यों को भी ठीक रखता है।
कम पानी पीने के कारण डिहाइड्रेशन और इसके कई दुष्प्रभाव जैसे किडनी स्टोन, त्वचा-आंखों के सूखेपन की समस्या हो सकती है। पर क्या आप जानते हैं कि अधिक मात्रा में भी पानी पीना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है? यदि आप बहुत अधिक मात्रा में रोजाना पानी पीते हैं तो इसके भी कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
आइए इस बारे में जानते हैं।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य विशेषज्ञ?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यह निर्धारित करने का कोई फॉर्मूला नहीं है कि आपको प्रतिदिन कितना पानी पीना चाहिए। आमतौर पर दिन में तीन-चीर लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है, इतनी मात्रा पर्याप्त मानी जाती है। हालांकि पानी की मात्रा आपके वातावरण, व्यायाम, आहार, समग्र स्वास्थ्य और गर्भावस्था या स्तनपान जैसी स्थितियों में अलग-अलग भी हो सकती है।
यदि आप बहुत अधिक पानी पीने लग जाते हैं तो इसके भी साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं, आइए इन समस्याओं के बारे में जानते हैं।
हो सकती है वाटर पॉइजनिंग
यदि आप बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने लगते हैं तो इसके कारण वाटर पॉइजनिंग की समस्या हो सकती है। यह किडनी के कार्यों को बहुत बढ़ा देती है, नतीजतन आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स पतले हो सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि सोडियम (नमक) की मात्रा डायल्यूट हो जाए तो हाइपोनेट्रेमिया विकसित हो जाती है। शरीर में सोडियम का स्तर बहुत कम हो जाने से तरल पदार्थ आपकी कोशिकाओं के अंदर चले जाते हैं, जिससे इंफ्लामेशन हो सकती है।
कैसे होते हैं हाइपोनेट्रेमिया के लक्षण
ओवरहाइड्रेशन के लक्षणों का शुरुआती स्तर पर पहचान कर पाना कठिन हो सकता है। हालांकि बार-बार पेशाब जाना इसका एक संकेत जरूर माना जाता है। यदि आपको वाटर पॉइजनिंग के कारण हाइपोनेट्रेमिया हो जाता है, तो शरीर में इसके कई प्रकार के साइड-इफेक्ट्स का जोखिम रहता है।
मितली और उल्टी।
मस्तिष्क पर दबाव के कारण सिरदर्द।
मानसिक स्थिति में परिवर्तन जैसे भ्रम या भटकाव की स्थिति।
मांसपेशियों में ऐंठन।
बार-बार पेशाब जाने की समस्या।
उल्टी होना।
पेट फूलने या मितली-उल्टी की दिक्कत
हमारी किडनी की भी निर्धारित सीमाएं हैं कि जैसे वह एक समय में कितना पानी उत्सर्जित कर सकती हैं, शोधकर्ताओं ने पाया कि यह अधिकतम 800 से 1,000 मिलीलीटर प्रति घंटे हो सकती है। यदि आप इससे अधिक पानी पीने लग जाते हैं तो किडनी के लिए अतिरिक्त मात्रा में पानी को शरीर से बाहर कर पाना कठिन हो जाता है, इस कारण आपको पेट फूला हुआ और मितली की समस्या हो सकती है।