प्रदूषित हवा में सांस लेने वालों को मुआवजे का हक़
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दुनिया के तीस सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में भारत के 22 शहर हैं। दिल्ली एनसीआर के अलावा इनमें कई शहर हैं। अगर आप प्रदूषित हवा का शिकार हो रहें हैंतो आप मुआवजा मांगने के हकदार हैं। इसके लिए यह जानना जरूरी है कि स्वछह हवा में सांस लेना आपका मौलिक अधिकार है।
संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत यह साफ़ वर्णित है कि स्वच्छ हवा में सांस लेना नागरिकों का मौलिक अधिकार है। इसके लिए स्वच्छ वातावरण मुहैया कराना सरकार की भी जिम्मेदारी है। संविधान के साथ सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी ने भी स्वच्छ हवा को मौलिक अधिकार बताया है। च्छ वातावरण मुहैया कराना सरकार की भी जिम्मेदारी है। संविधान के साथ सर्वोच्च न्यायालय और एनजीटी ने भी स्वच्छ हवा को मौलिक अधिकार बताया है।
इसके लिए आपको यह जानना जरूरी है कि शिकायत कहाँ करें। हवा और पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गतिविधियों के खिलाफ पुलिस ,जिलाधिकारी एसडीएम और प्रदूषण नियंत्रण समिति में शिकायत कर सकते हैं।
यदि आप प्रदूषण से पीड़ित हैं तो एनजीटी ऐक्ट की धारा 15 के तहत मुआवजे के हकदार हैं।
यदि आपके आसपास ऐसी गतिविधियां हो रही हैं जो प्रदूषण की वजह है तो आप उसके खिलाफ एनजीटी में याचिका दायर कर सकते हैं।
क्या आप जानते हैं 70 लाख लोग हर साल प्रदूषण की वजह से डैम तोड़ देते हैं। हमें अपनी जिम्मेवारियों के प्रति सजग रह कर प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार हो सकते हैं यदि हम उन गतिविधियों को अंजाम देने से अपने को दूर रखें जो प्रदूषण के कारक हैं।