सीएम नीतीश कुमार ने बापू टावर का किया निरीक्षण, जल्द ही आम लोगों के लिए हो जाएगा चालू 

सीएम नीतीश कुमार ने बापू टावर का किया निरीक्षण, जल्द ही आम लोगों के लिए हो जाएगा चालू 

सीएम नीतीश कुमार ने बापू टावर का किया निरीक्षण, जल्द ही आम लोगों के लिए हो जाएगा चालू 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर का निरीक्षण करने पहुंचे। सीएम नीतीश ने यहां बापू टावर में चल रहे काम का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने कहा है कि बापू टावर आम लोगों के लिए एक से डेढ महीने में चालू हो जाएगा। बता दें कि, बापू टावर का निर्माण 129 करोड़ की लागत से बना है। इसका उद्घाटन हो चुका है। हालांकि फिलहाल यह आम लोगों का प्रवेश वर्जित है। बापू टावर का अधूरा काम जारी है।ऐसे में आज सीएम नीतीश बापू टावर का जायजा लेने पहुंचे। सीएम नीतीश ने कहा कि, हम तो यहां आते रहते हैं। आज भी देखे हैं सब काम हो रहा है, ई लोग को देरी हो रहा है, कह दिए हैं एक डेढ महीने में आम लोगों के लिए शुरु कर दिया जाएगा। सीएम नीतीश ने दावा किया की एक महीने में बापू टावर का अधूरा काम पूरा हो जाएगा। वहीं सीएम नीतीश के साथ उनके राज्यसभा सांसद संजय झा भी मौजूद थे। 


दरअसल देश का पहला सबसे बड़ा बापू टावर बिहार की राजधानी पटना में बनकर तैयार हो गया है। बापू टावर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित है। बापू टावर पटना के गर्दनीबाग में स्थित है। इस टावर की ऊंचाई 120 फीट है। यह 6 मंजिली टावर है। यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जा रहा है।  बापू टावर में पर्यटकों को परिसर के अंदर 50 चार पहिया और 150 दो पहिया वाहन की पार्किंग की सुविधा मिलेगी। जहां भूतल पर टर्नटेबल थियेटर शो के जरिये पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी। इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देख सकेंगे। इस टावर में करीब 45 करोड़ रुपये की लागत से गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई जा रही है। गोलाकार भवन की बाहरी दीवार में 42 हजार किलो से तांबे की परत लगा दी गई है। दीवार पर लगने वाला तांबा ऑक्सीजन और नाइट्रोजन के रिएक्शन से इंद्रधनुषी रंगों में बदल रहा है। इससे भवन की खूबसूरती बढ़ गई है।बापू टावर को बनाने में 129 करोड़ की लागत आई है।

बापू टावर की प्रदर्शनी गैलरी में लगने वाली मूर्तियां और कलाकृतियों का निर्माण अहमदाबाद की फैक्ट्री में किया गया है। प्रदर्शनीय वस्तु लगाने के लिए सिविल वर्क का कार्य भी पूरा हो गया है। टावर के गोलाकार भवन में लगी तांबे की परत चमक बिखेर रही है। रात में सामने से लाइट जलते ही, इसकी खूबसूरती बढ़ जाती है। जिस जगह पर इस टावर को बनाया गया है उस भूखंड का कुल क्षेत्रफल सात एकड़ है और कुल निर्मित क्षेत्र 10503 वर्ग मीटर है। टावर में विभिन्न गैलरी, अनुसंधान केंद्र, विशिष्ट अतिथियों के लिए लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय आदि हैं।