छलक पड़ा वार्ड सचिवों का दर्द: 'घुट-घुट के मरने से अच्छा है एक बार में मर जाती'

(अविनाश कुमार झा, आँखें न्यूज़24)

छलक पड़ा वार्ड सचिवों का दर्द: 'घुट-घुट के मरने से अच्छा है एक बार में मर जाती'
छलक पड़ा वार्ड सचिवों का दर्द: 'घुट-घुट के मरने से अच्छा है एक बार में मर जाती'

पटना: आज 15 दिनों से धरने पर बैठे वार्ड सचिवों ने कल मंगलवार को चक्का जाम का ऐलान किया था. अपनी मांगों को लेकर वार्ड सचिव भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंची जहां पुलिस प्रशासन द्वारा उन को रोकने के लिए लाठी चार्ज और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया गया.

पुलिस प्रशासन की इस बर्बरतापूर्वक रवैये के बाद जहाँ पप्पू यादव उसके समर्थन में उतर आए वहीं पुलिस की लाठी और वॉटर कैनन की मार से वार्ड सचिवों का दर्द झलक आया.

हमारे संवाददाता से बात करते हुए रोती हुई महिला ने कहा 'उन्होंने ने मुझे मारते हुए मेरा मंगलसूत्र तक छीन लिया। क्या कर रही हैं सरकार महिलाओं के लिए की हमें अपने बाल-बच्चों को छोड़कर सड़क पर आना पड़ गया हैं. चार साल हमने गली-नाली हर काम किया और जब अपना मजदूरी मांगने आई तो पुलिस का डंडा मिला. कहां से करूंगी मैं अपने बच्चों का पालन-पोषण इससे अच्छा तो मैं होटल में प्लेट धोती कम से कम मजदूरी तो मिलती. घुट-घुट के जीने से अच्छा है एक बार में मर जाती अब चाहे जान चली जाए लेकिन धरना-प्रदर्शन नहीं रुकेगा.'