पटना से बागेश्वर धाम रवाना धीरेंद्र शास्त्री, बोले- बिहारी मेरी आत्मा, जब तक प्राण हैं बिहार आते रहेंगे

पटना से बागेश्वर धाम रवाना धीरेंद्र शास्त्री, बोले- बिहारी मेरी आत्मा, जब तक प्राण हैं बिहार आते रहेंगे

पटना से बागेश्वर धाम रवाना धीरेंद्र शास्त्री, बोले- बिहारी मेरी आत्मा, जब तक प्राण हैं बिहार आते रहेंगे

बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री 5 दिन के बिहार दौरे के बाद बुधवार को बागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गए। इस दौरान पटना एयरपोर्ट पर बाबा के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। जाते-जाते उनकी एक झलक पाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। इससे पहले तरेत पाली मठ में हनुमंत कथा के समापन के बाद बाबा बागेश्वर ने बिहार की जनता से फिर आने का वादा किया। उन्होने कहा कि बिहारी मेरी आत्मा है, जब तक प्राण रहेंगे तब तक बिहार आता रहूंगा।हनुमंत कथा के आखिरी और पांचवे दिन भी लाखों की तादाद में कथा सुनने श्रद्धालु पहुंचे थे। इस दौरान शायराना अंदाज में बाबा बागेश्वर ने कहा कि सितारों को आंखों में महफूज रखना, क्योंकि बहुत देर तक रात ही रात रहेगी, मुसाफिर हो तुम भी मुसाफिर हैं हम भी, बाला जी ने चाहा तो किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी। वही एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा की एक बिहारी होने के नाते मैं बिहार के प्रत्येक लोगो का धन्यवाद करता हूँ. बाबा बागेश्वर के 5 दिनों के दौरे के दौरान बिहार सियासत में उथल-पुथल मची रही। जहां हनुमंत कथा में बीजेपी के रविशंकर प्रसाद, गिरिराज सिंह, अश्वनी चौबे, सुशील मोदी समेत कई नेता शामिल हुए तो वहीं बिहार सरकार के मंत्रियों, राजद-जदयू के नेताओं ने कथा से दूरी बनाए रखी। वहीं पटना में बाबा बागेश्वर का विरोध भी देखने को मिला। लोगों ने बाबा बागेश्वर के पोस्टर फाड़ डाले, पोस्टर पर कालिख पोत दी। और पोस्टर पर चोर जैसे अपशब्द भी लिख दिए। जिस पर बीजेपी ने जमकर नीतीश सरकार को घेरा। वहीं बाबा बागेश्वर ने भी जवाब देते हुए कहा कि पोस्टर फाड़ दोगे लेकिन लोगों के दिल से कैसे निकालोगे, इससे पहले हनुमंत कथा के दूसरे दिन बाबा के दरबार में भीषण गर्मी और उमस के चलते भक्तों की तबीयत बिगड़ने लगी थी। कुछ महिलाएं और बच्चे को पंडाल में ही बेहोश हो गए थे। जिसके बाद हनुमंत कथा को बीच में रोकना पड़ा था। और धीरेंद्र शास्त्री ने भक्तों से अपील की थी कि वो ज्यादा संख्या में कथा सुनने न आएं। बल्कि टीवी पर ही कथा सुनें। इस दौरान हनुमंत कथा पांचों दिन जारी रही। तीसरे दिन दोपहर दो बजे दिव्य दरबार लगा। जिसमें बाबा बागेश्वर ने लोगों की समस्याओं की पर्ची देखी। और उनका निराकरण किया। बाबा बागेश्वर ने कहा कि उन्हें बिहार की जनता से जितना स्नेह मिला है। उसके वो हमेशा आभारी रहेंगे। और बिहार आते रहेंगे।