कोरोना से नहीं पड़ेगा एग्जाम पर कोई भी असर, CBSE ने की कुछ इस तरह की तैयारी
देश भर के कई शहरों और राज्यों में स्कूल फिर से खुलने के बाद केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भी प्रोजेक्ट और असाइनमेंट आधारित पाठ्यक्रम पर विशेष जोर दे रहा है. शिक्षा मंत्रालय और बोर्ड चाहते हैं कि समय छात्र अपने प्रक्टिकल्स और प्रोजेक्टस पूरा कर सकें. दरअसल प्रोजेक्ट और प्रैक्टिकल का सीधा असर छात्रों के वार्षिक मूल्यांकन पर पड़ता है, इसलिए विभिन्न स्कूल भी इस दिशा में काम कर रहे हैं.पिछले दो वर्षों से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा नहीं हो सकी हैं, लेकिन इस बार CBSE बोर्ड ने नीतियों में बदलाव किया है. CBSE बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न को बदला है. छात्र की सुविधा सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई ने परीक्षा को दो हिस्सों विभाजित किया है. CBSE के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज के मुताबिक पहली परीक्षा नवंबर-दिसंबर, 2021 में चार से आठ सप्ताह की समय सीमा में आयोजित की जाएगी. दूसरी परीक्षा मार्चअप्रैल में आयोजित की जाएगी. यह परीक्षाएं बाहर से आए परीक्षकों और सीबीएसई द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की निगरानी में होंगी.विद्यार्थी प्रश्नों का उत्तर ओएमआर शीट पर भरेंगे. इन शीट को स्कैन करने के बाद सीधे-सीधे सीबीएसई की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है. मार्च-अप्रैल 2022 में बोर्ड द्वारा तय परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा होगी. इस सब के बावजूद सीबीएसई आंतरिक मूल्यांकन एवं प्रोजेक्ट पर विशेष ध्यान देगी. अगर परीक्षा के लिए हालात फिर अनूकूल नहीं होती हैं तो दूसरे टर्म के अंत में भी एमसीक्यू आधारित परीक्षा करायी जा सकती हैं.