बीमार पिता को खाट पर उठाया, फिर 22 नदियां पार कर पहुंचाया अस्पताल
बगहा के दोन इलाके से श्रवण कुमार जैसे बेटों की तस्वीर सामने आई है. वह अपने पिता को पांच घंटे तक खाट की पालकी पर लिटाकर ढोते रहे. इस दौरान उन्होंने दुर्गम रास्तों से 25 किलोमीटर सफर तय कर 22 बार नदियों को पार किया. ये आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने पिता को आखिरकार अस्पताल तक पहुंचा दिया.श्रवण कुमार की कहानी तो अमर है, लेकिन बगहा के इन बेटों ने जो कुछ किया उससे इस दौर में भी पिता के लिए श्रवण कुमार जैसा समर्पण सामने आ गया. ये कहानी बगहा के रामनगर प्रखंड के दोन इलाके की है. पहाडी नदियों के कहर के बीच रास्ते धवस्त हो गये हैं. पुल पुलिया सब कुछ बर्बाद हैं. वहां पहुंचने के साधन भी नहीं हैं. बाढ़ की विभीषिका में अपने आशियाने को बचाने के दौरान गर्दी दोन गांव के भुतही महतो बुरी तरह घायल हो गये. इलाज के लिए इलाके में कोई साधन नहीं था, लिहाजा इंतजार कर गांव से दूर हरनाटांड में इलाज कराने की बेटों ने ठान ली.