कांग्रेस ने कहा- राजद को ईमानदारी से करना चाहिए विश्लेषण
बिहार में आगामी एमएलसी चुनाव को लेकर कांग्रेस और राजद में दो फाड़ हो गए हैं। वहीं राजद ने भी यह साफ़ कर दिया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन बिहार में नहीं बल्कि केंद्र में ही रहेगा। राजद को ऐसा लगता रहा है कि विधानसभा में कांग्रेस को ज़्यादा सीटें देने से ही तेजस्वी की सरकार नहीं बन पाई, लेकिन इस तर्क को काटते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान ने कहा है कि राजद को ईमानदारी से विश्लेषण करना चाहिए।
एमएलसी चुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं की मांग पर उनकी पार्टी महागठबंधन में कांग्रेस का साथ छोड़ अकेली चुनाव लड़ रही है। उन्होंने यह भी कहा है कि चुनाव के बाद देखेंगे कि किसको क्या फायदा हुआ। बताया जाता है कि तेजस्वी यादव विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद से ही कांग्रेस से दुखी हैं। बता दें 70 सीट लेने के बाद कांग्रेस ने महज 19 सीटों पर ही जीत हासिल की थी। यह दुःख उपचुनाव में लालू प्रसाद के बयान में भी दिखा, जब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास को उन्होंने 'भकचोन्हर' कह दिया था। अब एक बार फिर कांग्रेस और राजद की राहें अलग हैं। राजद के कई नेता यह भी कहते रहे हैं कि कांग्रेस के पास पहलवान ही नहीं हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद खान ने कहा कि बिना चुनाव लड़े कैसे पता चलेगा कि कौन पहलवान है? उन्होंने यह भी पूछा कि विधानसभा चुनाव में राजद के 7 मुस्लिम प्रत्याशी क्यों हार गए? राजद को भी यह समझना चाहिए कि अब्दुल बारी सिद्दीकी किन वजहों से हारे? हमें कौन सी सीटें दी गईं थीं, उसका भी आंकलन राजद को ईमानदारी से करना चाहिए।