सत्य, अहिंसा और सादगी के असाधारण व्यक्तित्व थे बापू...
देश को आज़ादी दिलाने में अग्रिम भूमिका निभाने वाले बापू यानि महात्मा गांधी की आज पुण्यतिथि है। वे भारत की स्वतंत्रता, गौरव, कल्याण और प्रगति के लिए लड़ने वाले भारत के वीर सपूत थे। नाथूराम गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बिड़ला हाउस में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। बापू की पुण्यतिथि को हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में सबसे प्रसिद्ध नाम है महात्मा गांधी। उन्हें 'राष्ट्रपिता' के रूप में भी जाना जाता है। गांधी जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि गोडसे ने जब गांधीजी की हत्या की थी तो उससे पहले उनके पैर छुए थे। नाथूराम गोडसे ने गांधी के सीने और पेट में तीन गोलियां मारी थीं। ऐसा कहा जाता है कि गांधी जी के मुंह से आखिरी शब्द "हे राम" निकले थे।
शहीद दिवस पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत विभिन्न सरकारी गणमान्य व्यक्ति राजघाट पर गांधी जी की समाधि पर जाते हैं और उन्हें याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इसके अलावा आम जनमानस भी शहीद दिवस पर गांधी जी को अपने-अपने तरीके से याद करता है। साथ ही देश के सशस्त्र बल के जवान और अंतर-सेवा आकस्मिक शहीदों को भी सम्मानजनक सलामी दिया जाता है। वहीं लोग बापू और देश के अन्य शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखते है।
आपको बता दें महात्मा गांधी के आदर्शों का दुनिया भर ने लोहा माना और अपनाया है। प्यार से 'बापू' कहे जाने वाले महात्मा गांधी सत्य, अहिंसा और सादगी के असाधारण व्यक्तित्व थे। वह भारत को एक धर्मनिरपेक्ष और अहिंसक राष्ट्र के रूप में बनाए रखने के प्रबल समर्थक थे, जिसके कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।