हिंदी सिनेमा के मशहूर विलेन ‘प्राण’ का आज 102वां जन्मदिन, हिंदी सिनेमा में ऐसे हुई थी एंट्री...
350 फ़िल्मों में अपनी दमदार आवाज से छह दशक तक फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव रहे एक्टर प्राण का आज 102वां जन्मदिन है। प्राण साहब का पूरा नाम प्राण किशन सिकंद था और उन्होंने साल 1942 में हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। प्राण ने ज्यादातर फिल्मों में विलेन का रोल निभाया था। एक वक्त तो ऐसा था जब लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना तक छोड़ दिया था। कुछ लोग तो ऐसा मानते हैं कि बॉलीवुड फिल्मों में विलेन तो कई हुए लेकिन प्राण जैसा विलेन कोई नहीं हो पाया और ना ही कोई हो पाएगा। ऐसे में उनके जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें।
प्राण का जन्म 12 फरवरी 1920 को दिल्ली स्थित बल्लीमारान के एक खानदानी रईस परिवार में हुआ था। पेशे से सिविल इंजीनियर प्राण के पिता लाला केवल कृष्ण सिकंद ब्रिटिश हुकुमत के दौरान सरकारी निर्माण का ठेका लिया करते थे। बहुत ही कम लोगों को ये पता है कि प्राण बड़े होकर एक फोटोग्राफर बनना चाहते थे और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने दिल्ली की ही एक कंपनी ‘ए दास एंड कंपनी’ में अप्रेंटिस के तौर पर काम भी किया।
प्राण ने लाहौर में 1942 से 1946 तक पूरे 4 साल में 22 फिल्मों में काम किया था। इसके बाद जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो उन्होंने हिंदि सिनेमा की तरफ रुख किया। प्राण को साल 1942 में फिल्म ‘खानदान’ से हिंदी सिनेमा में पहला ब्रेक मिला। इस फिल्म में अभिनेत्री नूरजहां ने मुख्य भूमिका निभाई थी। इस फिल्म के मिलने से पहले प्राण साहब ने 8 महीने तक मरीन ड्राइव के पास ही मौजूद एक होटल में काम किया था। इन्हीं पैसों से वो अपना घर चलाते थे।