भारत मे बेसबॉल का खेल धीरे-धीरे चर्चित होता जा रहा है। भारत के लोग इस खेल को भी अब प्रोफेशनल खेल की तरह देख रहे है।

भारत मे बेसबॉल का खेल धीरे-धीरे चर्चित होता जा रहा है। भारत के लोग इस खेल को भी अब प्रोफेशनल खेल की तरह देख रहे है।

भारत मे बेसबॉल का खेल धीरे-धीरे चर्चित होता जा रहा है। भारत के लोग इस खेल को भी अब प्रोफेशनल खेल की तरह देख रहे है। अगर बिहार की बात करे तो बिहार में बेसबॉल को लेकर लोगों काफी उत्साह और जुनून है। कई खिलाड़ियों ने तो इस खेल से अपना नाम बनाया है। 

बेसबॉल की इतिहास की बात की जाए तो साल 1846 में शुरु किया गया बेसबॉल इंग्लैंड की देन है। मगर बाद में इसमें कुछ बदलाव करके उत्तर अमेरिका में भी खेला जाने लगा और फिर ये संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय खेल बन गया। उस समय बेसबॉल उत्तर अमेरिका, सेंट्रल अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, कैरिबीन, इस्ट एशिया में सबसे ज्यादा खेला जाता था। 

बाद में बेसबॉल को ओलंपिक में शामिल किया गया और बेसबॉल की पिच डायमंड शेप में होती है, जिसके 4 बेस होते हैं। बेसबॉल में भी एक खास तरह का बैट और बॉल होता है लेकिन वो क्रिकेट से बिल्कुल अलग होता है। बैट रॉड की तरह दिखाई देता है और उससे बॉल को हिट किया जाता है। 

अगर भारत मे बेसबॉल के इतिहास की बात की जाए तो एमेच्योर बेसबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की स्थापना 1983 में हुई और दिल्ली में 1985 में भारत की पहली राष्ट्रीय बेसबॉल चैंपियनशिप हुई। उसी साल बिहार को भी बेसबॉल फेडरेशन से मान्यता प्राप्त हुआ। 

बिहार में बेसबॉल को लाने वाले कोई और बल्कि बिहार क्रिकेट जगत के भीष्म पितामह कहे जाने वाले अजय नारायण शर्मा ने बिहार में बेसबॉल के खेल को लाया और खिलाड़ियों को उस खेल के बारे में बताया। बिहार के कई खिलाड़ी बेसबॉल से नेशनल और इंटरनेशनल खेल चुके है। 

आपको बात दे कि आगामी 30 जून को बिहार में बेसबॉल का चुनाव होना है। जिसमे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, उपसचिव, कोषाध्यक्ष जैसे पदों पर चुनाव होना है।