रेलवे भर्ती परीक्षा की हाई लेवल जांच शुरू, पटना पहुंची केंद्रीय टीम ने...

रेलवे भर्ती परीक्षा की हाई लेवल जांच शुरू, पटना पहुंची केंद्रीय टीम ने...

रेल भर्ती परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की उच्च स्तरीय जांच शुरू हो गई है। रेलवे भर्ती बोर्ड की एक टीम ने पटना पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। गौरतलब है कि आरआरबी परीक्षा के नतीजों के से नाराज रेल अभ्यर्थियों ने पटना समेत पूरे बिहार में जमकर बवाल किया था।

रेलवे ने बिहार में रेल भर्ती परीक्षा की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी है। परीक्षा के परिणाम के बाद भड़के बवाल को देखते हुए रिजल्ट में हुई कथित विसंगतियों की जांच की जा रही है। रेलवे बोर्ड के प्रमुख कार्यकारी निदेशक दीपक पीटर की अध्यक्षता में एक कमेटी  पटना पहुंच चुकी है। कमेटी के सदस्यों ने रेलवे भर्ती बोर्ड यानि आरआरबी  की गैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों की परीक्षा और ग्रुप डी श्रेणी की परीक्षा के 250 उम्मीदवारों के साथ बातचीत की। टीम 14 जनवरी को घोषित आरआरबी परीक्षा परिणाम और दूसरी परीक्षा के बारे में रेलवे की अधिसूचना में कथित गड़बड़ियों की जांच कर रही है।

पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने कहा कि जांच समिति ने पटना के महेंद्रूघाट में आरआरबी परिसर में आउटरीच कैंप का दौरा किया, जहां इसके सदस्यों ने 250 उम्मीदवारों के साथ बातचीत की। इसमें पटना और मुजफ्फरपुर आरआरबी के अध्यक्ष भी मौजूद थे। इसके बाद समिति के सदस्यों ने खगौल में आउटरीच शिविर का दौरा किया, जहां उन्होंने कम से कम 10 उम्मीदवारों के साथ बातचीत की।

गौरतलब है कि आरआरबी परीक्षा के नतीजों के बाद बिहार में रेलवे अभ्यर्थियों का गुस्सा भड़क उठा था। भड़के उम्मीदवारों ने नवादा, गया और बक्सर में ट्रेनों में आग लगा दी थी और कई जिलों में जमकर हंगामा मचाया था। परीक्षार्थियों के आक्रोश को देखते हुए रेलवे ने कंप्यूटर आधारित परीक्षा 2 (सीबीटी) को स्थगित कर दिया, जिसमें लगभग 7 लाख उम्मीदवारों को 14 से 18 फरवरी तक उपस्थित होना था।

इधर बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राज्यसभा में ग्रुप डी और एनटीपीसी उम्मीदवारों के मुद्दों को उठाया और केंद्र सरकार से अपील की कि वह छात्रों के मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। मोदी ने कहा कि रेलवे ने पहले केवल ग्रुप डी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए एक परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में उनके लिए दूसरी परीक्षा की घोषणा की, जिससे उनमें भारी आक्रोश था। इसी तरह एनटीपीसी के परिणाम कुल आवेदकों के 20% के बजाय 11% घोषित किए गए। उन्होंने कहा कि रेलवे को ग्रुप डी श्रेणी के पदों के लिए एक ही परीक्षा आयोजित करनी चाहिए और एनटीपीसी उम्मीदवारों को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए।