अलग-अलग पहचान पत्र से अब मिलेगा निजाद, एक डिजिटल आईडी होगा सामाधान
हमें कई प्रकार के पहचान पत्रों की ज़रूरत हमेशा पड़ती रहती है। जैसे- आधार कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, गैस कनेक्शन, राशन कार्ड व अन्य पहचान पत्र। कई बार पहचान पत्र रहने पर काम आसान हो जाता है, तो कई बार पहचान पत्र नहीं रहने पर मुश्किलें बढ़ जाती है। इन सारी झंझटों से निजाद दिलाने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक डिजिटल पहचान पत्र लाने वाली है जिसमें सभी पहचान पत्रों को इंटरलिंक कर दिया जाएगा। जिससे अलग-अलग पहचान पत्र रखने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी।
आपको बता दें इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने ‘फेडरेटेड डिजिटल आइडेंटिटीज़’ का एक नया मॉडल का प्रस्ताव लाया है। इस नए प्रस्ताव के तहत एक नागरिक की कई डिजिटल आईडी पैन, आधार, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट नंबर को एक यूनिक आईडी के जरिए इंटरलिंक किया जाएगा। इंटरलिंक डाटा को सुरक्षित रखा जाएगा जिसे कभी भी देखा जा सकेगा। इस नए मॉडल के तहत लोगों को अब अलग-अलग पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक डिजिटल आईडी से ही सारा काम हो जाएगा।
ग़ौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में यह कहा था कि अब भारत में एक ही कार्ड रखने की प्रोसेसिंग चल रही है। इतने सारे कार्ड्स रखने की परेशानी अब ख़त्म हो जाएगी। कई कार्डों के चलते लोगों को काफ़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए जल्द ही सिर्फ एक कार्ड इन सभी मुश्किलों का हल होगा। केंद्र सरकार की योजना है कि सारे डाक्यूमेंट्स को एक सिंगल कार्ड से रिप्लेस कर दिया जाए। मतलब एक कार्ड वन सोलुशन। इसके लिए कुछ गाइडलाइंस तय कि जाएंगी। सारे डाक्यूमेंट्स को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के जरिए एक प्लेटफॉर्म पर लाने का भी प्लान चल रहा है। बाकी सभी कार्ड भी पूरी तरह मान्य माने जायेंगे, उनका उपयोग बंद नहीं होगा।
डिजिटल पहचान पत्र के लिए इलेक्ट्रॉनिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इस कार्ड में इलेक्ट्रोनिक चिप लगी होती है, जो डाटाबेस से जुड़ी होती है। इससे कार्डहोल्डर की सारी सूचनाए सुरक्षित रहती है। यूरोप, चीन और अन्य देशों में भी ये सिंगल कार्ड से सारे काम होते है। धीरे-धीरे इस टेक्नोलॉजी को दूसरे अन्य देश भी अडॉप्ट करने जा रहे है। इस डिजिटल पहचान पत्र से गड़बड़ी कर पाना भी मुश्किल होगा।