पीएम मोदी ने नीतीश कुमार पर ऐसा क्या जादू कर दिया?
पिछले कई दिनों से भाजपा और जदयू के बीच तनातनी का माहौल चल रहा था। कुछ भाजपा नेताओं के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना के बाद दोनों दलों के बीच तल्खी और बढ़ गई थी, लेकिन पीएम मोदी के एक बयान ने इस तल्खी को एक झटके में दूर कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बयान इस समय राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बन गया है। इस बयान से ना केवल भाजपा और जदयू के बीच लंबे समय से चल रही तल्खी में कमी आई है बल्कि साथ ही दोनों दलों के बीच सुर भी बदल गए हैं।
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक निजी समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में राजनीतिक शुचिता पर बोलते हुए नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राम मनोहर लोहिया और जॉर्ज फर्नांडिस की तरह सच्चा समाजवादी बताते हुए कहा कि उनकी राजनीति में परिवारवाद का कोई स्थान नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान ने जदयू और भाजपा के बीच चल रही तनातनी को एक झटके में खत्म कर दिया।
शराबबंदी की तारीफ के बाद यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री ने नीतीश कुमार की इस तरह से खुल कर तारीफ की है। बताते चलें कि पिछले कई दिनों से भाजपा और जदयू के बीच तनातनी का माहौल चल रहा था। भाजपा नेता जहां मुख्यमंत्री के शराबबंदी अभियान और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर नीतीश कुमार और जदयू पर हमलावर थे, वहीं सम्राट अशोक पर आपत्तिजनक टिप्पणी जैसे मुद्दों को लेकर जदयू नेता भाजपा पर प्रहार कर रहे थे। जातिगत जनगणना और विशेष राज्य के मुद्दे को लेकर दोनों दलों के अलग-अलग सुर भी कंफ्यूजन पैदा कर रहे थे।
दो दिन पहले भाजपा के एक सांसद ने मुख्यमंत्री को सत्तालोलुप बताते हुए यहां तक कह दिया था कि कुर्सी के लिए नीतीश कुमार दाउद इब्राहिम से भी जुड़ सकते हैं। इस बयान पर जदयू ने कड़ा प्रतिकार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दल के नेताओं की टिप्पणियों को अप्रत्यक्ष रूप से खारिज करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सिर्फ क्लीनचिट ही नहीं दी बल्कि उनको एक तरह से महान नेताओं की श्रेणी में खड़ा कर दिया। ज़ाहिर है इसका असर दोनों दलों के बीच संबंधों पर भी पड़ेगा। अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम के इस वक्तव्य के बाद भाजपा और जदयू के बीच चल रही तनातनी और तल्खी को विराम मिलेगा।