लॉकडाउन में बंद हुआ सरकारी स्कूल तो हेडमास्टर ने बच्चों की पढ़ाई के लिए बनाया ऐप
आज शिक्षक दिवस है और शिक्षक दिवस के मौके पर हम आपको बिहार के एक ऐसे सरकारी विद्यालय के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने सीमित संसाधन के बावजूद निजी विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था को चुनौती दे रहा और यह सब कुछ हो रहा है वहां के शिक्षक प्रधानाध्यापक के मेहनत की वजह से. समस्तीपुर सदर अनुमंडल क्षेत्र के लगुनियां सूर्यकंठ गांव में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय ने कोरोना महामारी के समय एक ऐसा नजीर पेश किया जो पूरे शिक्षा समाज से जुड़े लोगों के लिए चर्चा का विषय बना.कोरोना महामारी के बीच जब निजी विद्यालय के छात्र-छत्राएं ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर सरकारी विद्यालय के छात्र छात्राएं घर में बैठे थे. उनके लिए पढ़ाई की व्यवस्था नहीं थी लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक सौरभ कुमार ने जो किया वह विद्यालय से जुड़े ग्रामीण छात्र छात्राओं के लिए बहुत बड़ी चीज थी. विद्यालय के प्रधानाध्यापक सौरव कुमार बताते हैं कि कोरोना काल में सरकार द्वारा जब शिक्षकों को विद्यालय में रहने का आदेश दिया गया ऐसे में शिक्षकों के पास कुछ विशेष काम नहीं था. इसी दौरान उन्होंने एक ऐप बनाने की सोची जिसके माध्यम से निजी विद्यालय के तरह उनके विद्यालय के छात्र-छात्राएं भी अपनी पढ़ाई ऑनलाइन कर सकें.