13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार, जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...

13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...
13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,  जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...

13 अक्टूबर को करवा चौथ,कब होगा चांद का दीदार,

जाने क्‍या है पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि...

करवा चौथ का दिन सुहागन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र के लिए उपवास रखती हैं। यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ 13 अक्टूबर को है। इस दिन महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं।

इस उपवास को खत्म करने से पहले महिलाएं भगवान श्रीगणेश की पूजा करती हैं और उसके बाद चंद्रमा की पूजा करती हैं। फिर उपवास पूर्ण होता है। इस उपवास को पूर्ण करने के लिए पूजा की थाली की अहमियत बहुत है। आइए जानते हैं कि पूजा की थाली में क्या क्या होना चाहिए।

करवा:
करवा मिट्टी का एक गिलास होता है जो करवाचौथ की थाली का अहम हिस्सा है। बिना करवा के उपवास पूरा नहीं होता। करवाचौथ के मौके पर पूजा सामग्री की दुकानों पर ये आसानी से उपलब्ध हो जाता है। करवा में चावल भरकर पूजा की जाती है। अगर आपके पास मिट्टी का करवा मौजूद नहीं हैं तो आप धातु का करवा भी यूज कर सकती हैं।

भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की आरती के लिए मिट्टी के दो दीपक बेहद जरूरी हैं। आरती के बाद एक दीपक श्रीगणेश जी के सामने रखें और दूसरे दीपक से चंद्रमा की आरती करें। आप इन दीपक में तेल की जगह घी का इस्तेमाल करें शुभ रहेगा।

छन्नी करवाचौथ की थाली का सबसे जरूरी हिस्सा है। छलनी में ही चंद्रमा को देखा जाता है और बाद में पति को देखा जाता है। करवाचौथ की थाली में आप छलनी को भी अपनी लिस्ट में शामिल करें।

कुमकुम और चावल रखें थाली में:
गणेश जी की पूजा के लिए पूजा की थाली में कुमकुम और चावल को भी शामिल करें। कुमकुम और चावल गणेश जी को तिलक लगाने के लिए जरूरी है।

लोटा जिसमें पानी भरा हो:
चंद्रमा की आरती के बाद उन्हें पानी से अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य करने के लिए पूजा की थाली में पानी से भरा एक लोटा होना जरूरी है।सुहागिन की थाली में हमेशा सिंदूर का होना जरूरी है। इस दिन आप अपनी मांग सिंदूर से भरे और थाली में भी सिंदूर रखें।करवाचौथ की थाली में आप पूजा के लिए गुड़ या मिठाई जरूर रखें। इस मिठाई का सेवन करके ही वृत को तोड़ा जाता है। आप थाली में मठरी भी रख सकते हैं।

गुरुवार का दिन कृत्तिका नक्षत्र रात्रि तक रहेगी। सिद्धि योग पश्चात व्यतिपात योग मिल रहा है। यह स्त्रियों का मुख्य व्रत व त्योहार है। सौभाग्वती स्त्रियां अपने पति की रक्षार्थ यह व्रत करती हैं। रात्रि के समय भगवान शिव,चंद्रमा व कार्तिकेय चित्रों व सुहाग की वस्तुओं की पूजा करती है।करवा चौथ व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम पांच बजकर 46 मिनट से छह बजकर 50 मिनट तक रहेगा। वहीं राज्य में चांद का दीदार का समय रात आठ बजकर 19 मिनट पर रहेगा,अखंड सौभाग्य की कामना का पर्व करवा चौथ 13 अक्टूबर को है। चंद्रोदय के साथ ही व्रत का पारण किया जाता 

उर्वशी गुप्ता