जमुई बनेगा इको टूरिज्म का हब

जमुई  बनेगा  इको टूरिज्म का हब

अगर सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले वर्ष जमुई इको टूरिज्म का हब बन जाएगा। जिले के आधा दर्जन जगहों को इको टूरिज्म के लिए चिन्हित किया गया है। वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने जिले के अलग-अलग प्रखंडों के छह स्थलों को चयनित कर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इन जगहों को इको फ्रेंडली व टूरिज्म के लिए विकसित करने की योजना बनाई गई है। साथ ही साथ कई तरह की सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा। विभाग को बस स्वीकृति मिलने का इंतजार है। बताया जाता है कि यह सब पर्यटकों को आकर्षित करने के दृष्टिकोण से किया जाएगा। इन सभी स्थलों पर पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीक से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार के निर्माण कार्य किए जाएंगे।

वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से इको टूरिज्म के तहत विकसित करने के लिए झाझा प्रखंड स्थित नकटी पक्षी आश्रयणी, खैरा प्रखंड के कुंडग्राम जन्मस्थान और पंचभूर झरना, बरहट प्रखंड के पत्नेश्वर मंदिर के समीप स्थित कटौना पहाड़ी, चकाई प्रखंड स्थित नरोदह झरना और झाझा प्रखंड के सिमुलतला स्थित हल्दिया झरना को चिन्हित किया गया है।

कुंडग्राम जन्मस्थान के समीप डेढ़ किलोमीटर लंबा हैंगिंग ब्रिज (लटकता पुल) बनाया जाएगा, जो अपने आप में आकर्षण का केंद्र होगा। इसके अलावा नकटी पक्षी आश्रयणी के समीप चार स्टे होम, वाच टावर और बांस का सीटिंग स्पाट बनाया जाएगा। साथ ही पंचभूर झरना के समीप, कटौना पहाड़ी के समीप और नारोदह झरना के समीप ट्रैकिंग रूट के साथ- साथ पर्यटन विभाग के निर्देशानुसार कई प्रकार के सुविधाओं का भी विकास किया जाएगा।