चंद्रयान-1 से भारत की अंतरिक्ष में धाक, दुनिया के वैज्ञानिकों ने माना लोहा, चांद पर पानी के दिए संकेत

चंद्रयान-1 से भारत की अंतरिक्ष में धाक, दुनिया के वैज्ञानिकों ने माना लोहा, चांद पर पानी के दिए संकेत

 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना अतंरिक्ष कार्यक्रम शुरू करने के 45 साल बाद मिशन मून फतह किया था। भारत ने 22 अक्टूबर, 2008 को चंद्रयान लांच किया था, जो 30 अगस्त 2009 तक चंद्रमा के चक्कर लगाता रहा। इसी चंद्रयान में एक डिवाइस लगा था- मून इम्पैक्ट प्रोब यानी MIP, जिसने 14 नवंबर 2008 को चांद की सतह पर उतरकर अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत का दबदबा बढ़ाया। ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन गया। इसके पूर्व अमेरिका, रूस और जापान ही ऐसा करने में कामयाब हो सके थे। इसी डिवाइस ने चांद की सतह पर पानी की खोज की। यह इतनी बड़ी खोज थी कि अमेरिकी नासा ने भी पहले ही प्रयास में यह खोज करने के लिए भारत की पीठ थपथपाई थी।