चीन बातचीत से सीमा विवाद सुलझाने का इच्छुक नहीं, भारत को उसी की भाषा में देना होगा जवाब

चीन बातचीत से सीमा विवाद सुलझाने का इच्छुक नहीं, भारत को उसी की भाषा में देना होगा जवाब

सीमा विवाद हल करने के लिए भारत और चीन के बीच अगले दौर की बातचीत के ठीक पहले ऐसी खबरें आना शुभ संकेत नहीं कि चीन ने डोकलाम के निकट भूटान की सीमा पर चार गांव बसा लिए हैं। वस्तुस्थिति क्या है, यह शीघ्र सामने आना चाहिए- न केवल भूटान सरकार की ओर से, बल्कि भारत सरकार की ओर से भी। इसी के साथ उस दावे की भी पड़ताल होनी चाहिए, जिसके तहत यह कहा जा रहा है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश सीमा पर भी एक गलियारा विकसित कर लिया है। कहीं यह गलियारा भी उसी तरह भारत से छीनी गई जमीन पर तो नहीं, जैसे वह गांव है, जिसका जिक्र अभी हाल में अमेरिकी रक्षा विभाग की एक रिपोर्ट में किया गया?सच जो भी हो, भारत को इस नतीजे पर पहुंचने में और देर नहीं करनी चाहिए कि चीन बातचीत से सीमा विवाद को सुलझाने का इच्छुक नहीं और वह इंच दर इंच भारतीय सीमा की ओर बढ़ने के साथ विवादित क्षेत्रों में निर्माण कार्य करने में लगा हुआ है। उसके इस खतरनाक इरादों की भनक उसकी ओर से बनाए गए भूमि सीमा कानून से मिलती है। भले ही इस कानून का उद्देश्य सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास करना बताया जा रहा हो, लेकिन उसका असल मकसद अपने कब्जे वाले इलाकों में अपना दखल बढ़ाना है। इस कानून का असर भारत-चीन सीमा विवाद पर भी पड़ सकता है।