बिहार में और बढ़ेगी सरपंचों की पूछ, बिहार की पहल पर केंद्र सरकार में आगे बढ़ा मामला

बिहार में और बढ़ेगी सरपंचों की पूछ, बिहार की पहल पर केंद्र सरकार में आगे बढ़ा मामला

बिहार में सरपंचों की हैसियत और उनका कार्यक्षेत्र बढ़ाने के लिए राज्‍य सरकार लगातार ही कोशिश कर रही है। विधान परिषद के  लिए स्थानीय प्राधिकार कोटे की सीटों के चुनाव में ग्राम कचहरियों के 8,072 सरपंचों को मतदान का अधिकार मिल सकता है। बिहार के अनुरोध पर पंचायती राज मंत्रालय अब विधि मंत्रालय से हरी झंडी दिलाने की तैयारी में जुटा है। केंद्रीय पंचायती राज व ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने इसमें विशेष पहल की है। अहम यह है कि देश में बिहार इकलौता ऐसा राज्य है जहां ग्राम कचहरियों की व्यवस्था है। सरपंच-पंच चुने जाते हैं। ऐसे में तर्क है कि विधान परिषद के लिए होने वाले स्थानीय प्राधिकार चुनाव में ग्राम कचहरियों के चुने हुए सरपंचों को मतदान का अधिकार मिलना चाहिए।

75 सदस्यीय बिहार विधान परिषद में 24 सदस्य स्थानीय प्राधिकार कोटे से चुने जाते हैं। इनका कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म हो गया था। इसमें सबसे ज्यादा भाजपा के 14 और जदयू के छह सदस्य थे। केंद्र सरकार के इस पहल से 8,072 सरपंचों का रुतबा बढ़ जाएगा।

कोरोना के कारण टला था चुनाव

ईवीएम और कोरोना के कारण पंचायत चुनाव में विलंब नहीं होता तो सभी 24 सीटों पर चुनाव हो गया होता। अब अहम यह कि जब चुनाव होगा तो भाजपा के सामने अपनी पुरानी संख्या को फिर से प्राप्त करने की बड़ी चुनौती होगी। वर्तमान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में कुल 24 सीटों पर जब चुनाव होगा तब भाजपा को 14 सीटें मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है। कारण यह कि पिछली बार भाजपा और जदयू अलग-अलग चुनाव लड़े थे। अब दोनों एक साथ हैं और बहुत संभावना है कि गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो। भाजपा और जदयू के अलावा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी भी साझीदार हैं।