नीतीश कुमार के करीबी मंत्री समेत 12 विधान पार्षदों की सदस्यता पर क्यों लटकी तलवार?

नीतीश कुमार के करीबी मंत्री समेत 12 विधान पार्षदों की सदस्यता पर क्यों लटकी तलवार?

पटना हाईकोर्ट  ने बिहार में राज्यपाल  कोटे से मनोनीत 12 विधान पार्षदों की चिंता बढ़ा दी है. इन 12 विधान पार्षदों की नियुक्ति के संबंध में पिछले दिनों हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी. याचिकाकर्ता ने याचिका में विधान पार्षदों के मनोयन को संविधान के प्रावधानों के तहत साहित्य, कलाकार, वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता और सहकारिता आंदोलन से नहीं होने के आधार पर चुनौती दी है. इन 12 विधान पार्षदों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  के कीरीबी मंत्री अशोक चौधरी और जेडीयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल हैं.बीते मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने इस संबंध में सुनवाई की है. मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी, और उसी दिन इस पर फैसला भी आएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मनोनीत किए गए 12 राजनीतिज्ञ विधान पार्षदों को हाईकोर्ट समाजसेवी मानेगी या नहीं?