बजट 2022 पर राष्ट्रपति का अभिभाषण शुरू, बोले- भविष्य की तैयारियों में जुटी है सरकार...
बजट सत्र 2022 की शुरुआत संसद में आज से शुरू हो गयी है। संसद के दोनों सत्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने अभिभाषण की शुरूआत में कहा कि मैं उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूं जिन्होंने अपने कर्तव्यों को प्राथमिकता दी और भारत को उसके अधिकार दिलाने में मदद की। स्वतंत्रता के 75 वर्षों में भारत की विकास यात्रा में योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को भी मैं सम्मानपूर्वक याद करता हूं।
वहीं अपने अभिभाषण में उन्होंने नई शिक्षा नीति पर ज़ोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हिस्से के रूप में स्थानीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर ज़ोर दिया जा रहा है। 10 राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेज में इस साल 6 भारतीय भाषाओं में पढ़ाए जाएंगे।
राष्ट्रपति ने महिला सशक्तिकरण पर कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। हम उज्ज्वला योजना की सफलता के साक्षी हैं। मुद्रा योजना के माध्यम से महिलाओं की उद्यमिता और कौशल को बढ़ावा मिला है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
उन्होंने शादी के लिए लड़कियों की उम्र बढ़ाए जाने के केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि मेरी सरकार ने बेटे-बेटियों को समान दर्ज़ा प्रदान करते हुए लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का विधेयक पेश किया है।
साथ ही उन्होंने कोरोनो पेंडामिक को लेकर कहा कि कोरोना के कारण कई लोगों की जान चली गई। ऐसी परिस्थितियों में भी केंद्र, राज्यों, वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों और हमारे स्वास्थ्य कर्मियों ने एक टीम के रूप में काम किया। मैं अपने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।
वहीं बाबा साहेब अंबेडकर को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि डॉ. बीआर अंबेडकर ने कहा था कि उनका आदर्श समाज स्वतंत्रता, समानता और सद्भाव पर आधारित होगा। लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है, लोकतंत्र का आधार लोगों के प्रति सम्मान की भावना है। मेरी सरकार बाबासाहेब के आदर्शों को अपना मार्गदर्शक सिद्धांत मानती है।
2022 के बजट सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए सभी सांसदों का स्वागत किया और कहा कि यह सत्र दुनिया को भारत के आर्थिक विकास का प्रदर्शन करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सच है कि चुनाव, सत्रों और चर्चाओं को प्रभावित करते हैं। मैं सभी सांसदों से अनुरोध करता हूं कि चुनाव चलते रहेंगे लेकिन बजट सत्र पूरे साल का खाका होता है। हम इस सत्र को जितना अधिक फलदायी बनाएंगे, उतना ही देश को आर्थिक ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए शेष वर्ष के लिए बेहतर अवसर होगा।
आपको बता दें कि इस बीच कांग्रेस ने पेगासस स्पाइवेयर मुद्दे पर सदन को ‘गुमराह’ करने के लिए आईटी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए रविवार को लोकसभा में नोटिस दिया। ऐसा ही नोटिस राज्यसभा में भी दिया जाएगा। द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी सरकार ने संसद और सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया है और भारत के लोगों से झूठ बोला है।
वहीं बजट सत्र शुरू होने से पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार उन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है जो हमारे देश को प्रभावित कर रहे हैं, जैसे बेरोजगारी, महिलाओं और दलितों के खिलाफ अपराध, और मुद्रास्फीति आदि। इसके अलावा, हम पेगासस का मुद्दा उठाएंगे, भले ही केंद्र विपक्ष पर सत्र को काम नहीं करने देने का आरोप लगाए।
ग़ौरतलब है कि इस बार का बजट सत्र 8 अप्रैल को समाप्त होगा, जिसमें पहला भाग 11 फरवरी तक चलेगा। वहीं 12 फरवरी से 13 मार्च तक का अवकाश होगा क्योंकि स्थायी समिति बजटीय आवंटन की तब जांच करेगी।