वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद के बजट सत्र में मैराथन चर्चाओं के बाद पारित किया गया। राष्ट्रपति ने इस विधेयक पर मुहर लगा दी जिसके बाद ही यह देश का कानून बन गया है। इसके खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस की लोक सभा सदस्य महुआ मोइत्रा, अभिनेता से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम के अध्यक्ष विजय और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे व्यक्ति और संगठन भी शामिल हैं।

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में दायर विभिन्न याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई होगी। राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के लोगों तथा राजनीतिक दलों द्वारा इस अधिनियम के विरुद्ध न्यायालय में 12 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं जिनमें इस अधिनियम को संविधान के विरुद्ध और एक खास संप्रदाय के प्रति भेदभावपूर्ण बताते हुए इसे निरस्त किए जाने का अनुरोध किया गया है। न्यायालय ने इन याचिकाओं पर 16 अप्रैल को सुनवाई करने का निश्चय किया।
वक्फ संशोधन अधिनियम को संसद के बजट सत्र में मैराथन चर्चाओं के बाद पारित किया गया। राष्ट्रपति ने इस विधेयक पर मुहर लगा दी जिसके बाद ही यह देश का कानून बन गया है। इसके खिलाफ दायर याचिकाकर्ताओं में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, तृणमूल कांग्रेस की लोक सभा सदस्य महुआ मोइत्रा, अभिनेता से नेता बने तमिलगा वेत्री कझगम के अध्यक्ष विजय और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे व्यक्ति और संगठन भी शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया है कि यह कानून वक्फ संस्थानों की स्वायत्तता को गंभीर रूप से कमजोर करता है और इससे मुस्लिम बंदोबस्त पर सरकार का नियंत्रण बहुत बढ़ गया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने भी इस कानून के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। इस कानून का विरोध करने वाले प्राय: सभी याचिकाकर्ताओं ने इसे अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन करने वाला बताते हुए नए संशोधनों को रद्द करने की मांग की है।
कानून का समर्थन कर रहे संगठनों और सरकारों ने इस कानून के समर्थन में कानूनी पेशबंदी की है। राजस्थान, असम और महाराष्ट्र ने वक्फ कानून में नए संशोधनों को प्रशासनिक पारदर्शिता और विनियमन के लिए जरूरी बताते हुए इस मामले में न्यायालय की कार्यवाही में पक्ष रखने की अनुमति मांगी है।
श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले में मुख्य याचिकाकर्ता और श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने भी संशोधित कानून का पुरजोर समर्थन किया है। इसी तरह, कृष्ण जन्मभूमि मुकदमे में एक अन्य प्रमुख व्यक्ति अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने भी न्यायालय में उतरने की तैयारी में हैं।